लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी ने न सिर्फ आम जनता को बेहाल कर दिया है, बल्कि बिजली की खपत के भी अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 8 जून की रात राज्य की पीक बिजली मांग 30,161 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक की सबसे अधिक मांग में से एक है। जानकारों के अनुसार, इस वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 32,000 मेगावाट को पार कर सकती है।
रिकॉर्ड खपत के पीछे भीषण लू और तापमान में भारी बढ़ोतरी
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है। इस कारण एसी, कूलर और पंखों की मांग कई गुना बढ़ गई है, जिससे घरेलू और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बिजली की खपत में अप्रत्याशित उछाल देखने को मिल रहा है।
ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष मई में पीक डिमांड 30,618 मेगावाट दर्ज की गई थी। इस वर्ष यह आंकड़ा जल्दी ही पार होने की संभावना जताई जा रही है।
ऊर्जा मंत्री ने दिए निर्देश- जनता को मिले निर्बाध बिजली आपूर्ति
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आने पाए। उन्होंने कहा कि सभी विद्युतकर्मी 24×7 अलर्ट मोड में रहें। ट्रांसफॉर्मर खराब होने की स्थिति में तुरंत बदलें। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अनावश्यक शटडाउन या अनुरक्षण कार्य गर्मी के पीक समय में न किया जाए।
बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार की तैयारी
राज्य सरकार ने पॉवर बैकअप, ट्रांसमिशन क्षमता और लोड मैनेजमेंट में सुधार की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। विद्युत विभाग का दावा है कि प्रदेश की मांग के अनुसार पर्याप्त पॉवर रिजर्व उपलब्ध है और किसी भी प्रकार की लोड शेडिंग नहीं की जाएगी।
बिजली का करें संयमित उपयोग
ऊर्जा मंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वो अनावश्यक उपकरणों को बंद रखें और ऊर्जा संरक्षण में सरकार का सहयोग करें। साथ ही, गर्मी के समय में जरूरी होने पर ही हाई पावर उपकरणों का उपयोग करें।