लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों के विलय (UP School Merger) को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में न तो कोई स्कूल बंद होगा और न ही किसी शिक्षक का पद समाप्त किया जाएगा। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने गुरुवार को लोक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि एक किलोमीटर से अधिक दूर और 50 से ज्यादा छात्रों वाले स्कूलों का विलय नहीं किया जाएगा।
अगर पहले किसी स्कूल का इन मानकों के विरुद्ध विलय हुआ है, तो उसे एक सप्ताह के भीतर निरस्त कर उसी स्थान पर पुनः संचालित किया जाएगा।
छात्र हित में लिया गया है फैसला
मंत्री ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के हित, संसाधनों के समुचित उपयोग और शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान (2014 में 20,000 स्कूल), मध्य प्रदेश (2018 में 36,000 स्कूल), उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश में भी स्कूलों का इसी तरह से विलय किया गया है।
UP School Merger : दूरी, भौगोलिक स्थिति और विशेष जरूरतों पर ध्यान
बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में जहां नदी, नाले, रेलवे क्रॉसिंग जैसी भौगोलिक बाधाएं हैं, वहां स्कूलों का विलय छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखकर स्थिति के अनुसार बदला या निरस्त किया जा सकता है। यदि भविष्य में विलय किए गए स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ती है, तो पूर्ववर्ती स्कूलों को पुनः संचालित किया जाएगा।
नहीं समाप्त होगा कोई पद, नहीं जाएगी नौकरी
संदीप सिंह ने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि शिक्षकों का पद समाप्त हो जाएगा, जबकि ऐसा कुछ नहीं होगा। सभी शिक्षक यथावत रहेंगे और किसी की नौकरी नहीं जाएगी।
UP School Merger : बंद विद्यालयों में खुलेगी बाल वाटिका
जो विद्यालय वर्तमान में खाली हो रहे हैं, वहां बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से बाल वाटिका खोली जाएगी। इसमें 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए अलग-अलग शिक्षण व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 19000 ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती प्रक्रिया भी जारी है। बच्चों की शिक्षा के लिए नई टेक्स्टबुक, वंडर बॉक्स, बिग बुक जैसे शिक्षण उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
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