प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने अभ्यर्थियों की मांगों को स्वीकार करते हुए समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा स्थगित कर दी है। इसके अलावा, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को पुराने पैटर्न के अनुसार एक ही दिन में आयोजित किया जाएगा, जैसा पहले होता आया है। इस निर्णय से यूपीपीएससी द्वारा छात्रों के हित में उठाए गए कदमों को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
छात्रों की मांगों पर तत्काल निर्णय
यूपीपीएससी के सचिव अशोक कुमार ने गुरुवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों से छात्रों में पीसीएस और अन्य भर्ती परीक्षाओं को लेकर असंतोष था। छात्रों की प्रमुख मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक से अधिक पालियों में आयोजित करने के बजाय एक ही दिन में संपन्न किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर इस संबंध में उचित निर्णय लें।
मुख्यमंत्री की पहल के बाद, यूपीपीएससी ने छात्रों से संपर्क किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह फैसला लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 एक ही दिन में आयोजित की जाएगी। आयोग ने इस परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करेगी, ताकि परीक्षा की शुचिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश भर में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।
छात्रों को मिली राहत
इस बदलाव से लाखों छात्रों को राहत मिली है, क्योंकि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित होने से उन्हें परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। एक पाली में परीक्षा होने से छात्रों के बीच असमानता की स्थिति समाप्त होगी, जो पहले कई बार चर्चा का विषय बन चुकी थी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “यह निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है और इससे यूपीपीएससी द्वारा आयोजित सभी भविष्य की परीक्षाओं में पारदर्शिता को और मजबूती मिलेगी।”
प्रदर्शन और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
हालांकि, आरओ-एआरओ की परीक्षा को स्थगित किए जाने से कुछ अभ्यर्थी निराश नजर आ रहे हैं। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से उनका भविष्य प्रभावित हो सकता है।
अभ्यर्थी राहुल पांडे ने कहा, “हमें इस घोषणा पर विश्वास नहीं है क्योंकि आयोग की वेबसाइट पर कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। हम आंदोलन जारी रखेंगे।” वहीं, कुछ अन्य अभ्यर्थियों ने इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए आरोप लगाया कि यह फैसला पीसीएस प्री के उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया है।
राजनीतिक समर्थन
इस बीच, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने छात्रों के समर्थन में कहा कि सरकार उनके हितों का ख्याल रखेगी और उचित निर्णय लिए जाएंगे। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार छात्रों की समस्याओं के समाधान में विफल रही है। उन्होंने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि जिन लोगों ने यह विचार पेश किया, वे एक ही दिन में परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते।