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धनबाद : बीबीएमकेयू में जमकर हंगामा, एनएसयूआइ ने शिक्षकों को अंदर जाने से रोका, बिना पढ़ाई छात्र लौटे

by Rakesh Pandey
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धनबाद : स्नातक के सेमेस्टर-वन में 72 फीसद छात्रों के फेल होने, सेमेस्टर-वन के चंद दिनों में ही सेमेस्टर-2 की परीक्षा और उसके विषयों में बदलाव समेत अन्य मामलों को लेकर धनबाद और बोकारो के छात्र छात्राओं ने बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय का घेराव कर दिया है। सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे छात्रों को एनएसयूआइ ने समर्थन दिया है। नाराज छात्र विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को घेर कर बैठ गए हैं। न किसी को अंदर प्रवेश करने दे रहे हैं और न ही बाहर निकलने। शिक्षकों को अंदर जाने से रोक दिया गया है। कई शिक्षक विश्वविद्यालय के बाहर खड़े हैं। पीजी छात्र छात्राओं को भी बाहर रोक दिया गया है। काफी इंतजार के बाद अब पीजी छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे हैं।

कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी
एनएसयूआइ के साथ बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय घेरने पहुंचे छात्र
छात्राएं कुलपति के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। नेतृत्व कर रहे एनएसयूअइ जिलाध्यक्ष गोपाल कृष्ण चौधरी ने कहा कि कुलपति छात्र हित में निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं। उनके खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई होगी। कुलपति जब तक स्वयं आकर छात्रों से बातचीत कर उनकी समस्या नहीं करेंगे, तब तक एक भी छात्र गेट से नहीं हटेगा। जरूरत पड़ी तो पूरी रात विश्वविद्यालय के बाहर बैठेंगे। मीडिया प्रभारी रवि शर्मा ने बताया कि छात्रों की जरूरी मांगे सुनने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन अनसुना कर रहा है। विवश होकर छात्रों को सड़क पर करना पड़ा है।

सुरक्षा गार्डों के साथ छात्रों की तनातनी, धक्का-मुक्की
मेन गेट को जाम कर बैठे छात्रों के साथ सुरक्षा गार्डों की तनातनी भी हो रही है। शिक्षकों को अंदर प्रवेश और बाहर निकालने के लिए गार्ड छात्रों पर दबाव डाल रहे हैं। जबरन उन्हें हटाने का प्रयास भी किया जा रहा है। इससे उनके बीच धक्का-मुक्की भी हो रही है।

क्या है छात्रों की मांगें
– स्नातक सेमेस्टर-एक से आइआरसी इंग्लिश आइवीएस विषय में बदलाव क्यों किया
गया, विश्वविद्यालय बताए
– स्नातक सेमेस्टर-2 की परीक्षा तिथि में विस्तार
– स्नातक व पीजी सेमेस्टर-3 का परिणाम जल्द जारी किया जाए
– एक जेनरिक पेपर की परीक्षा एक महीने के अंदर केवल इच्छुक छात्र छात्राओं
के लिए आयोजित की जाए
– लगातार खराब रिजल्ट की जवाबदेही तय की जाए
– कालेजों में शिक्षकों की कमी दूर की जाए
– छात्रों की अन्य समस्याओं का समाधान जल्द किया जाए।

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