देहरादून (उत्तराखंड) : उत्तराखंड इको टूरिज्म को एक नई दिशा देने की तैयारी है। वन विभाग की इको टूरिज्म यूनिट एक प्रभावी व्यवसायिक योजना पर काम कर रही है, जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर प्राप्त करना है। इस पहल के तहत, प्रदेश में इको टूरिज्म उत्पादों का विकास किया जाएगा और उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जहां इको टूरिज्म गतिविधियों का एक सिंगल प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।
इको टूरिज्म का खाका
वन विभाग के सीसीएफ, पीके पात्रो के अनुसार, इको टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिसे 2016 में रजिस्टर्ड किया गया था। इस लिमिटेड कंपनी को शून्य से शुरू करके 100 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।
दो प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस
वन विभाग की इको टूरिज्म यूनिट दो मुख्य क्षेत्रों में काम कर रही है।
टूरिज्म पैकेज विकास: राज्य में मौजूदा इको टूरिज्म स्थलों पर आधारित पैकेज तैयार किए जा रहे हैं।
सिंगल प्लेटफॉर्म मार्केटिंग : यह मार्केटिंग पहल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को एक ही मंच पर सभी प्रकार के टूरिज्म विकल्प प्रदान करेगी।
चिह्नित इको टूरिज्म साइटें
उत्तराखंड में 32 इको टूरिज्म स्थलों को चिह्नित किया गया है, जिनमें से 14 पर काम चल रहा है। इन स्थलों पर विभिन्न टूरिज्म पैकेज जैसे वाइल्डसनेस पैकेज, ऑफ रोड ड्राइव और रात्रि वन विश्राम की पेशकश की जाएगी।
पर्यटकों के लिए अनोखे अवसर
इन पैकेजों के माध्यम से पर्यटक साइकिलिंग, सफारी, पक्षी अवलोकन और जंगल में रात्रि विश्राम का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, स्थानीय और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने के लिए विशेष अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
विशेषज्ञों के साथ सहयोग
उत्तराखंड को इको टूरिज्म का हब बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के साथ सहयोग किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न प्रकार के उच्च गुणवत्ता के टूर पैकेज तैयार किए जाएंगे।
तकनीकी उन्नति
इको टूरिज्म की मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित वेबसाइट विकसित की जा रही है। इस वेबसाइट पर पर्यटक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पैकेज चुन सकेंगे, जिससे उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाया जाएगा।
स्थानीय लोगों को जोड़ने की योजना
इको टूरिज्म को विकसित करते समय स्थानीय समुदायों को भी शामिल किया जाएगा। स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे टूरिस्ट गाइड या फूड सर्विस में काम कर सकें, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके।
समन्वय की योजना
IRCTC जैसी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा, ताकि इको टूरिज्म के पैकेजों का अधिकतम प्रचार किया जा सके और उत्तराखंड की अनोखी प्राकृतिक सुंदरता को देश-विदेश के पर्यटकों तक पहुंचाया जा सके।
Read Also– इस राज्य के मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई होगी अनिवार्य, बोर्ड अध्यक्ष ने की घोषणा