सेंट्रल डेस्कः उत्तराखंड में जिला प्रशासन ने उन अल्पसंख्यक संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं और 100 से अधिक अवैध मदरसों को सील कर दिया गया।
हिमालयी राज्य में सरकार की अनुमति के बिना चल रहे मदरसों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। यह आदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का है, जिन्होंने इन्हें पहचानने और उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। साथ ही अवैध धार्मिक गतिविधियों में शामिल तत्वों की तलाश की जा रही है।
गुरुवार को उधम सिंह नगर जिले में 16 मदरसे और हरिद्वार में 2 मदरसे सील कर दिए गए, इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिस की मदद ली गई। इससे पहले, देहरादून और पौड़ी जिलों में 92 अवैध मदरसों को सील किया गया था, जिससे उत्तराखंड में पिछले एक महीने में सील किए गए अवैध मदरसों की संख्या 110 हो गई।
अवैध मदरसों को चलाने की अनुमति नहीं
मुख्यमंत्री धामी लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार अवैध मदरसों को चलने की अनुमति नहीं देगी और ऐसे मदरसों को समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक महीने पहले उन्होंने गृह विभाग, सभी जिला अधिकारियों, राज्य पुलिस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे अवैध मदरसों और सरकारी भूमि पर कब्जा कर स्थापित अन्य अवैध संरचनाओं की पहचान करें और उन पर सख्त कार्रवाई करें।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड राज्य में लगभग 416 मदरसों का संचालन करता है, जबकि अवैध और अप्रमाणित अल्पसंख्यक संस्थानों की संख्या इससे कहीं अधिक मानी जा रही है।
मदरसों के खिलाफ बड़ा अभियान
धामी ने प्रशासन को यह आदेश दिया है कि वे बिना सरकार की अनुमति और संबंधित अधिकारियों से अनुमति प्राप्त किए बिना चल रहे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री का यह निर्देश व्यापक प्रभाव डाल रहा है और राज्य भर में अवैध मदरसों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चल रहा है।
मदरसे के पीछे कौन लोग है
प्रशासन ने यह भी जांच शुरू कर दी है कि ये अवैध मदरसे कैसे फैल रहे हैं और इसके पीछे कौन लोग हैं, क्योंकि उनके अनुसार बिना किसी संगठन के ये मदरसे इस पैमाने पर नहीं चल सकते। इसके अलावा, यह प्रयास भी किया जा रहा है कि यह पता लगाया जाए कि इन मदरसों में छात्रों को किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही है।