देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा-बारकोट के बीच बन रहे सुरंग (Uttarkashi Tunnel) में भूस्खलन के हादसे को हुए 10 दिन हो गए हैं। इसमें 41 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। जिन्हें बचाने का अभियान अभी तक जारी है। इस अभियान से संबंधित राहत की खबर मंगलवार सुबह आई है।
पहली बार फंसे मजदूरों का फुटेज सामने आया है। कैमरे के सुरंग में भेजे जाने को लेकर सीएम धामी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा ‘सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं।’ इससे संबंधित वीडियो भी जारी हुआ है जिसमें सभी मजदूर सुरक्षित नजर आ रहे हैं।
इस अभियान में और तेजी लाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन भी पहुंच गई है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले एक से दो दिनों में मजदूरों को निकाल लिया जाएगा। वही मजदूरों के परिजन भी टनल के पास पहुंच गए हैं जो सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं।
सोमवार को ड्रोन का किया गया था इस्तेमाल:
सोमवार को मजदूरों की स्थिति देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, पर अंदर धूल होने से तस्वीर साफ नहीं आ पाईं। अब दिल्ली से एंडोस्कोपिक कैमरे मंगाए गए थे। लेकिन मंगलवार को सवेरे पाइप से कैमरे को भीतर पहुंचाया गया। इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए सभी 41 मजदूर दिखाई दिए।
प्रधानमंत्री खुद ले रहे अपडेट:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में अपडेट ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक बचाव उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।मजदूरों को निकालने के लिए रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल को भी तैनात किया गया है। डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की रोबोटिक्स टीम ने ‘रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल’ (ROV) तैनात किया है। इसके जरिए सुरंग में फंसे हुए लोगों की मदद की जाएगी। ये जोखिम भरे इलाके तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
41 में से 15 मजदूर झारखंड:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा और डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में से 15 झारखंड से हैं, जिसमें गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन और पश्चिमी सिंहभूम के एक सहित नौ श्रमिकों ने सुरंग के अंदर से अपने परिवार के सदस्यों से बात की।