जमशेदपुर : मानगो में एक फायरिंग और मारपीट से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। अब तक की जांच में पता चला है कि यह वीडियो एआई से बनाया गया है। एआई से तैयार कर वीडियो वायरल किया गया है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि के लिए वीडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। फोरेंसिक जांच के बाद ही इस बात की पुष्टि होगी कि वायरल वीडियो एआई से बनाया गया है या फिर इसके पीछे क्या सच्चाई है। पुलिस इस बात की भी जांच में जुट गई है कि यह वीडियो क्यों वायरल किया गया है। इसके पीछे मकसद क्या है। वीडियो किसने एडिट किया या एआई का इस्तेमाल कर इसे बनाया।
एडिट किया गया है चार साल पुराना वीडियो
वीडियो के वायरल होने के बाद मानगो थाना प्रभारी निरंजन कुमार के पास यह वीडियो पहुंचा, जिसके बाद पुलिस ने वीडियो में दिख रहे युवक को पूछताछ के लिए थाना बुलाया। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि यह वीडियो करीब 4 साल पुराना है और इसे एडिट किया गया है। पुलिस ने युवक से पूछताछ करने के बाद उसे छोड़ दिया, लेकिन एक लिखित बयान लिया है जिसमें कहा गया है कि यदि वीडियो में कोई सच्चाई सामने आती है, तो संबंधित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस ने इस वीडियो को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने का फैसला किया है।
एक नर्सिंग होम के मालिक के बेटे से जुड़े हैं तार
इस मामले में वीडियो को वायरल करने वाले व्यक्ति के बारे में भी जानकारी सामने आई है। वीडियो को पप्पू सिंह नामक व्यक्ति द्वारा वायरल किया गया था। पुलिस ने तय किया है कि पप्पू सिंह को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, यह वीडियो मानगो इलाके का ही है और इसे एक अस्पताल के मालिक के बेटे ने पप्पू सिंह को उपलब्ध कराया था। दिलचस्प बात यह है कि पप्पू सिंह पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे और अब वे दूसरी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा, पप्पू सिंह नगर निगम चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं। पुलिस का मानना है कि यह वीडियो पूर्व के किसी विवाद को लेकर वायरल किया गया है। मानगो थाना प्रभारी निरंजन कुमार के अनुसार, पुलिस मामले की जांच गहराई से कर रही है और वरीय अधिकारियों को इस पूरी घटना की जानकारी दे दी गई है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में और कौन-कौन से तथ्य सामने लाती है।
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