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नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से लिया संन्यास

by Rakesh Pandey
VK Pandian Retired Politics
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भुवनेश्वर : VK Pandian Retired Politics : ओड‍िशा के निवर्तमान मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी और बीजेडी नेता वीके पांडियन ने एक्टिव पॉलिटिक्‍स से संन्‍यास लेने की घोषणा कर दी है। लोकसभा में बीजेडी की करारी हार के बाद पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक के सबसे ज्‍यादा करीबी वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है। उन्‍होंने बड़े ही भावुक अंदाज में इसका ऐलान किया है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में बीजू जनता दल को करारी हार का सामना करना पड़ा है। ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी नवीन पटनायक को तगड़ा झटका लगा है। तकरीबन ढाई दशक में पटनायक को राजनीति में इस तरह की हार का सामना करना पड़ा है।

बीजेडी नेता पांडियन सक्रिय राजनीति से संन्‍यास लेने का ऐलान करते हुए भावुक हो गए। इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि अब मैंने एक्टिव पॉलिटिक्‍स से खुद को अलग करने का फैसला किया है। इस यात्रा में यदि मैंने किसी का दिल दुखाया है, तो उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। इसके साथ ही मैं उस बात के लिए भी माफी मांगना चाहता हूं कि यदि मेरे द्वारा इस चुनाव प्रचार अभियान में दिए गए नैरेटिव से बीजेडी को किसी तरह का नुकसान पहुंचा हो या पार्टी को उस वजह से हार मिली हो।

 VK Pandian Retired Politics :  क्यों लेना पड़ा ये फैसला

वीके पांडियन ने बीजू जनता दल की लोकसभा और विधानसभा चुनावों में शर्मनाक हार के बाद ये फैसला किया है। पूर्व नौकरशाह पांडियन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राजनीति में शामिल होने का मेरा इरादा केवल नवीन बाबू की सहायता करना था और अब मैं जान-बूझकर सक्रिय राजनीति से खुद को अलग करने का फैसला करता हूं। वीके पांडियन ने ये कहा कि मुझे खेद है कि अगर प्रचार अभियान में बीजद की हार में मेरी कोई भूमिका रही हो। मैं इसके लिए सभी पार्टी कार्यकर्ताओं सहित पूरे बीजू परिवार से माफी मांगता हूं।

यहां बता दें कि पांडियन को नवीन पटनायक के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। इसके साथ ही पटनायक ने हाल ही में संपन्न चुनावों में बीजद की चौंकाने वाली हार के बाद उनकी कड़ी आलोचना की थी। हालांकि पटनायक ने शनिवार को दोहराया था कि पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। ओडिशा के लोग तय करेंगे कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा।

पटनायक ने यह भी कहा कि पार्टी की हार के लिए पांडियन की आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण थी और उन्होंने कहा कि पांडियन ने उत्कृष्ट काम किया। वह निष्ठावान और ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्हें इसके लिए याद किया जाना चाहिए। वह पार्टी में शामिल हुए और कोई पद नहीं संभाला। उन्होंने किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा। मेरे उत्तराधिकारी के बारे में पूछे जाने पर मैंने हमेशा स्पष्ट रूप से कहा है कि यह पांडियन नहीं हैं। मैं दोहराता हूं कि ओडिशा के लोग मेरे उत्तराधिकारी का फैसला करेंगे।

 VK Pandian Retired Politics :  तमिलनाडु मूल के हैं वीके पांडियन

यहां बता दें कि वीके पांडियन तमिलनाडु के मूल निवासी हैं। तमिलनाडु में 20 मई 1974 को जन्मे पांडियन ने दिल्ली में पढ़ाई की। इसे बाद बतौर आईएएस अधिकारी पंजाब कैडर से कॅरियर की शुरुआत की, जिसके बाद उन्होंने ओडिशा कैडर ले लिया था।
ओडिशा कैडर में आने के बाद 2002 में कालाहांडी जिला के धर्मगढ़ में सब-कलेटर और 2005 में मयूरभंज जिला के डीएम बने। 2007 में पांडियन गंजाम जिला के डीएम बने। इसी दौरान वे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव बन गए। 2011 से 2023 तक सीएम हाउस में प्रतिनियुक्त रहे। इसी अवधि में उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ कर बीजू जनता दल में शामिल हो गए। निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे करीबी नेता बन कर वीके पांडियन ने एक तरह से बीजू जनता दल के सर्वेसर्वा बन गए थे।

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