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एनीमल प्रोटेक्शन के नाम पर वेबसाइट बना लोगों से कर रहे ठगी, चार धराए

by Rakesh Pandey
Jamtada crime
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जामताड़ा: जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में छापेमारी कर चार साइबर ठगों को दबोचा है। आरोपित ने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने के लिए इस बार जानवरों का सहारा ले रखा था। पूछताछ के दौरान जो पुलिस को जानकारी मिली वह चौंकाने वाले हैं। इन शातिरों ने गूगल सर्च ईंजन पर अपनी एक एनिमल प्रोटेक्शन के नाम पर वेबसाइट बना रखी थी। इसके जरिए ये जानवरों से बचने और इनकी देखभाल के नाम पर लोगों को ये झांसे में लेते थे। ज्योहीं आवारा पशुओं जैसे आवारा कुत्तों से बचने व अन्य मवेशियों की देखभाल या इन्हें इलाज के लिए मवेशी अस्पताल भेजने के लिए इनके द्वारा दर्ज हेल्पलाइन नंबर पर काल आता था, ये शातिर उनसे दस रुपये ट्रांसफर करने को कहते। फिर धीरे-धीरे इनसे डिटेल्स लेकर इनके मोबाइल का स्क्रीन शेयर कर इन्हें ठगी का शिकार बना लेते थे।

इस बात की जानकारी रविवार दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान साइबर डीएसपी मजरूल होदा ने दी। होदा ने बताया कि एनीमल प्रोटेक्शन की वेबसाइट पर काल ठगी के शिकार बने ज्यादातर लोग गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा के रहने वाले हैं। साइबर थाना प्रभारी मनोज कुमार की अगुवाई में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार हुआ आरोपित गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बिशनपुर गांव का पियारी मंडल, करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सब्दुडीह का इजहार अंसारी, मोजाहिद असारी और नारायणपुर थाना क्षेत्र के मानपुर गांव का सफाउल अंसारी है। तीनों ही आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। आरोपितोंं के पास से पुलिस टीम ने 15 मोबाइल, 31 अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड और तीन बाइक जब्त की है।

पियारी मंडल व सफाउल अंसारी साइबर ठगी के मामले में पहले भी जा चुके हैं जेल :-
पुलिस की जांच में पता चला है कि पियारी मंडल काफी समय से साइबर ठगी के मामले में संलिप्त है। वह इससे पहले गिरिडीह में दर्ज साइबर ठगी के मामले में जेल की हवा खा चुका है। जबकि सफाउल अंसारी के खिलाफ जामताड़ा के नारायणुपर थाने में साइबर ठगी का मामला दर्ज किया गया था। एनीमल प्राेटेक्शन की वेबसाइट के नाम से ठगी के साथ ये शातिर लोगों को कुरियर सर्विस के कस्टमर केयर के नाम पर भी ठग रहे थे। इनके द्वारा दर्ज हेल्पलाइन नंबर पर काल आते ही उनसे डिटेल्स लेकर उनके मोबाइल का स्क्रीन शेयर कर लेते और उन्हें ठगी का शिकार बनाते थे।

 

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