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West Bangal : तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय और डोला सेन समेत छह नेता और भाजपा के अनंत राय राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित

by Rakesh Pandey
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कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में राज्यसभा चुनाव के सभी सात उम्मीदवार सोमवार को संसद के उच्च सदन के लिए निर्विरोध चुन लिए गये। विधानसभा के अधिकारियों ने बताया कि इनमें डेरेक ओ’ब्रायन और साकेत गोखले सहित तृणमूल कांग्रेस के छह नेता तथा भाजपा के एक नेता शामिल हैं। अगस्त में सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्य की छह राज्यसभा सीटों के लिए 24 जुलाई को चुनाव होना था। एक अन्य राज्यसभा सीट पर उपचुनाव निर्धारित था।

विधानसभा के अधिकारियों ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद, विधानसभा सचिव ने आज घोषणा की है कि तृणमूल कांग्रेस के सभी छह और भाजपा के एक उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है।

तृणमूल कांग्रेस के जो लोग राज्यसभा के लिए चुने गये हैं, उनमें डेरेक ओ’ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय और डोला सेन शामिल हैं। ओ’ब्रायन, 2011 से सांसद हैं, और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं, जबकि 2012 में पहली बार उच्च सदन में भेजे गये रॉय उप-मुख्य सचेतक हैं। वरिष्ठ नेता और श्रमिक नेता नेता सेन 2017 में सांसद बनी थीं। सूची में नये लोगों में बांग्ला संस्कृति मंच के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम, तृणमूल कांग्रेस के अलीपुरद्वार जिला अध्यक्ष प्रकाश चिक बड़ाइक और आरटीआई कार्यकर्ता एवं तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले शामिल हैं।

गोखले राज्यसभा सीट के उपचुनाव में निर्वाचित हुए जो अप्रैल में तृणमूल सांसद के रूप में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो के इस्तीफे के बाद खाली हो गयी थी। अनंत राय ‘महाराज’ पश्चिम बंगाल से भाजपा के पहले निर्वाचित राज्यसभा सदस्य बने। वह राज्य के उत्तरी हिस्से से अलग राज्य ‘ग्रेटर कूच बिहार’ बनाने की मांग करते रहे हैं।

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राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के 216 विधायक हैं और इसे पांच भाजपा विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है, जो सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गये हैं, लेकिन अभी तक सदन से इस्तीफा नहीं दिया है। विधानसभा में भाजपा के 70 विधायक हैं। संख्या के हिसाब से जिन छह सीट पर सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने वाला है, उनमें से तृणमूल कांग्रेस को पांच और भाजपा को एक सीट मिलनी तय थी। गोखले उपचुनाव में निर्वाचित हुए हैं।
गोखले ने कहा कि संसद में सबसे महत्वपूर्ण मामला बहस है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी विधेयकों पर उचित बहस हो, न कि केवल ध्वनि मत से विधेयक पारित किए जाएं।

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