जमशेदपुर : टाटानगर रेल सिविल डिफेंस ने इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेंनिंग सेंटर में मंगलवार को लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों को ट्रेन में आग लगने पर सुरक्षात्मक कार्य करने का प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण एक दिवसीय कार्यशाला शिविर के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने लोको पायलट दल को आग लगने की स्थिति में किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में बताया।
प्रशिक्षण में बताया गया कि अगर ट्रेन में आग लगे तो सबसे पहले रेल इंजन की फ्रेशर लाइट जलाकर उचित सुरक्षित स्थान पर इंजन खड़ा करना चाहिए। इसके बाद यात्री को बाहर निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए और स्टेशन मास्टर को आग की जानकारी देनी चाहिए। जिस कोच में आग लगी हो, उसे दोनों तरफ के कोच से कम से कम 45 मीटर दूरी पर अलग करना आवश्यक है। इसके अलावा, गाड़ी को रोल होने से बचाने के लिए प्रोटेक्शन उपाय किए जाने चाहिए। यदि ट्रेन मालवाहन है, तो वैगन लेवल सील और माल को सुरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए। छोटी आग की स्थिति में आसपास उपलब्ध साधनों जैसे पानी, मिट्टी, बालू आदि का इस्तेमाल करके आग बुझाने की कोशिश करनी चाहिए।
ट्रेन में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए ट्रेन के विभिन्न स्थानों पर जैसे रेल इंजन, ब्रेक वैन, एसी कोच, पैंट्री कार और जनरेटर कार में फायर सुरक्षा उपकरण रखे जाते हैं, जिनका प्रयोग सुरक्षात्मक कार्यों के लिए किया जा सकता है। इस कार्यशाला में दक्षिण-पूर्व रेलवे रॉची, आद्रा, चक्रधरपुर, खड़गपुर, संतरागाछी, मालदा और कलकत्ता ईस्टर्न रेलवे के लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों ने भाग लिया।
सिविल डिफेंस डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने एलपीजी गैस लिकेज से आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया, जबकि डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने डीसीपीटी फायर संयंत्र और CO2 फायर संयंत्र के प्रयोग की विधि और सावधानियों के बारे में प्रशिक्षण दिया।
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