नयी दिल्ली/ईडी ने जज साहब को लिया हिरासत में तो मच गया हड़कंप: पैसे की चाहत में आदमी क्या से क्या हो जाता है, ऐसी बातें आपने जरूर सुनी होंगी। इस तरह की खबरें आये दिन सुर्खियां भी बनती हैं। इसी तरह की एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे, कि आखिर जज साहब ने ऐसा क्या कर दिया कि ईडी की टीम को उन्हें हिरासत में लेना पड़ गया।
ईडी ने जज साहब को लिया हिरासत में तो मच गया हड़कंप
मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के पंचकूला की एक अदालत ने निलंबित न्यायाधीश सुधीर परमार को के आरोपों से जुड़े मामले में शुक्रवार को छह दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।
अप्रैल में प्राथमिकी दर्ज होने पर हुआ खुलासा
सुधीर परमार को धनशोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तारी के बाद पंचकूला जिला अदालत में पेश किया गया था। इसके बाद अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया। धनशोधन का यह मामला अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पंचकूला में विशेष पीएमएलए अदालत में तैनात पूर्व विशेष सीबीआई और ईडी न्यायाधीश सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे प्रवर्तक रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गयी प्राथमिकी से जुड़ा है।
इससे पहले इनकी हो चुकी है गिरफ्तारी
एजेंसी ने पहले इस मामले में पूर्व न्यायाधीश के भतीजे अजय परमार, रियल एस्टेट कंपनी एम3एम के दो प्रवर्तकों बसंत बंसल और उनके पुत्र पंकज बंसल और एक अन्य रियल्टी समूह आईआरईओ के मालिक एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) ललित गोयल को गिरफ्तार किया था।
पैसे के बदले मदद पहुंचाने का है आरोप
ईडी ने कहा था कि एसीबी की प्राथमिकी के अनुसार विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि सुधीर परमार ईडी के आपराधिक मामलों और सीबीआई के अन्य लंबित मामलों में आरोपियों रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और आईआरईओ के ललित गोयल की तरफदारी कर रहे थे।
पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट ने की कार्रवाई
ईडी ने एक बयान में कहा कि एसीबी की प्राथमिकी में कहा गया है कि विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक (न्यायाधीश मामले में) गंभीर कदाचार, आधिकारिक पद का दुरुपयोग और अपनी अदालत में लंबित मामलों में आरोपी व्यक्तियों से अनुचित लाभ रिश्वत की लेने के मामले सामने आने के बाद टीम ने कार्रवाई की है। एसीबी के मामला दर्ज करने के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुधीर परमार को निलंबित कर दिया था।
लोगों के बीच चर्चा का विषय बने जज साहब
लोगों का कहना है कि न्याय देने वाले जब पैसे लेकर फैसला करने लगे, तो सोचिए देश के आम लोगों की क्या स्थिति होगी। इस घटना से लोगों के अंदर न्याय के मंदिर की छवि धूमिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट को ऐसे मामलों में विशेष पहल करने की जरूरत है ताकि लोगों की उम्मीदें न्यायपालिका पर बनी रहे।
READ ALSO : पटना के शातिर झपटमार! महिला की चेन झपटकर पैदल ही निकल भागा, गश्ती ही करती रह गई पुलिस