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जानिए एमबीए मूर्तिकार अरुण योगीराज के बारे में, जिन्होंने अयोध्या के मंदिर के लिए बनाई रामलला की मूर्ति!

by Rakesh Pandey
Who is Arun Yogiraj
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स्पेशल डेस्क, अयोध्या : अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का वक्त नजदीक आता जा रहा है। 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति भव्य राम मंदिर में लगाई जाएगी। इसके लिए मूर्ति का चयन भी कर लिया गया है। Who is Arun Yogiraj भगवान राम की यह मूर्ति कर्नाटक के जाने-माने मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी जानकारी

इस बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दे दिया गया है। हमारे देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।’ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर लिखा है-कर्नाटक में एक भव्य हनुमान मंदिर है और इसे देवता का जन्मस्थान माना जाता है। जोशी ने राम मंदिर के लिए राज्य के एक मूर्तिकार द्वारा आकार दी गई मूर्ति के चयन को “राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का उदाहरण” बताया।

कौन हैं अरुण योगीराज (Who is Arun Yogiraj)

इस खबर के सामने आने के बाद लोग अरुण योगीराज के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। योगीराज एक ऐसे परिवार से हैं, जिनकी पांच पीढ़ियां प्रसिद्ध मूर्ति बनाती आ रही हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को तत्कालीन मैसूर रियासत के राजा का संरक्षण प्राप्त था। अरुण योगीराज 37 साल के हैं और मैसूरु महल के शिल्पकारों के परिवार से आते हैं। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। वे गायत्री मंदिर और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए काम कर चुके हैं।

अरुण योगिराज ने बनाई है कई प्रसिद्ध मूर्तियां

इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे योगीराज के द्वारा बनाई गई सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई थी। उनके द्वारा बनाई गई अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों में केदारनाथ में 12 फीट की आदि शंकराचार्य की मूर्ति, मैसूर के चुंचनकट्टे में 21 फीट की हनुमान मूर्ति, 15 फीट बीआर अम्बेडकर की मूर्ति मैसूरु में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की पत्थर की मूर्ति, नंदी की 6 फीट की अखंड मूर्ति, 6 फीट की बाणशंकरी देवी की मूर्ति और मैसूर महाराजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट की सफेद संगमरमर पत्थर की मूर्ति शामिल है।

बेटे की मूर्ति चयन होने पर मां ने जताई खुशी

प्रह्लाद जोशी ने अपने पोस्ट में कहा, “यह राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। इसमें कोई गलती नहीं है कि यह हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामललानी के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है।” इस बीच योगीराज की मां सरस्वती ने कहा, “यह हमारे लिए सबसे खुशी का पल है। मैं उन्हें राम लला को तराशते और आकार देते हुए देखना चाहती थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह मुझे दर्शन के लिए ले जाएंगे।” कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी अरुण को बधाई दी और राम मंदिर में स्थापना के लिए भगवान राम की मूर्ति के चयन पर गर्व व्यक्त किया।

3 मूर्तियों में से एक का चुनाव

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 3 मूर्तियां तैयार की गईं, जिन्हें 3 कारीगरों ने बनाया था। इनमें से किसी एक के चयन के लिए वोटिंग प्रक्रिया अपनाया गया और कुछ मानक तय किए गए। चंपत राय के अनुसार, मूर्ति में सबसे अच्छी दिव्यता के साथ-साथ 5 साल के बच्चे की मासूमियत की झलक होनी चाहिए। इन सभी मानकों पर अरुण द्वारा निर्मित मूर्ति खड़ी उतरी है। चयनित मूर्ति से 22 जनवरी को पर्दा उठेगा।

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