सेंट्रल डेस्क : हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की अगली प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। दुनिया को पहली महिला पीएम देने वाला देश भी श्रीलंका ही था और अब एक बार फिर से श्रीलंका ने इतिहास रचा है। अपने 76 साल की आयु में ही श्रीलंका ने तीन महिला प्रधानमंत्री चुने हैं।
दिल्ली क्यों आईं अमरसूर्या
अपनी प्रारंभिक शिक्षा के लिए अमरसूर्या ने कई देशों का भ्रमण किया और फिर कोलंबो के बिशप कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के हिंदू कॉलेज (Hindu College) से समाजशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पोस्टग्रेजुएशन के लिए वे ऑस्ट्रेलिया चली गईं, जहां उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी और डेवलपमेंट स्टडीज की पढ़ाई की।
फरवरी 1970 में जन्मीं अमरसूर्या ने स्कॉटलैंड से पीएचडी PhD. की डिग्री हासिल की। बीते 10 वर्षों से वे श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान विभाग में सीनियर लेक्चरर के पद पर कार्यरत हैं। शिक्षा के प्रति उन्होंने अपनी आवाज को सदैव मुखर रखा है। श्रीलंका की GDP का 6 प्रतिशत शिक्षा के लिए आवंटित किया जाए, इसके लिए भी उन्होंने आवाज उठाई।
इसके साथ ही उन्होंने लैंगिक समानता, सामाजिक कल्याण और एड्स पर जागरूकता फैलाई। कॉलेज के दिनों से ही सक्रिय राजनीति का हिस्सा रहीं अमरसूर्या साल 2020 में पहली बार सांसद बनी थीं। शुरूआत से ही वे ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ (NPP) के लिए काम करती थीं, जो कि एक सामाजिक संगठन है। इसी संगठन के गठबंधन में वो सांसद बनी थीं।
अनुरा कुमारा दिसानायके को राष्ट्रपति बनाने के लिए अमरसूर्या ने 21,500 किमी की यात्रा की थी। 21 सितंबर को दिसानायके राष्ट्रपति बने और 24 सितंबर को अमरसूर्या ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने दिनेश गुणवर्धने की जगह ली है।