नई दिल्ली : दिल्ली के ककरोला क्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में एक शख्स गिरफ्तार किया गया है। इस आरोपी का नाम है विनोद कश्यप, जिन्होंने यौन उत्पीड़न की दो शिकायतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। विनोद कश्यप का एक यूट्यूब चैनल भी है, और उनके बहुत सारे फॉलोअर्स हैं।
दो महिलाओं ने की थी यौन उत्पीड़न की शिकायत
दो महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के मामले में शिकायत दर्ज की है। और इसके बाद विनोद कश्यप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। पहले मामले में महिला ने दावा किया है कि विनोद ने उन्हें गुरु सेवा करने के बहाने उन्हें आश्रम में बुलाया, जहां उन्हें धर्मिक आचरण और ध्यान के साथ यौन उत्पीड़न किया गया। उनका दावा है कि विनोद ने उन्हें यौन उत्पीड़न करने के बाद खुलासा नहीं करने की धमकी दी। विनोद कश्यप के खिलाफ पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया है और विचाराधीन जांच की गई है।
माता मसानी चौकी दरबार नाम से कर रहे थे अड्डे का संचालन
दूसरे मामले में भी महिला शिकायतकर्ता ने धर्मिक आचरण के बहाने उन्हें आश्रम में बुलाया गया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। विनोद कश्यप द्वारा नॉर्थ थाना क्षेत्र के दरबार में माता मसानी चौकी दरबार नाम से अड्डा चल रहे हैं। विनोद कश्यप के खिलाफ दर्ज हुए मामले में वह यह आरोप था कि विनोद ने समस्या में मदद के बहाने महिला भक्त को बुलाया और कहा कि उन्हें गुरु सेवा करनी होगी। इसके बाद उसने महिला के साथ यौन शोषण किया और उसे घटना का खुलासा नहीं करने की धमकी दी थी।
यूट्यूब चैनल में छापेमारी, बंद किया गया चैनल
पीड़ित महिलाओं की ओर से अलग-अलग दो शिकायतें आने के बाद विनोद कश्यप की कारस्तानियां उजागर हुईं। माला दरबार में गिरफ्तार होने के बाद पुलिस ने विनोद कश्यप की जांच शुरू की और उसके आश्रम और यूट्यूब चैनल पर भी छापेमारी की। उसके यूट्यूब चैनल को बंद कर दिया गया। जब ये तथ्य सामने आए कि विनोद कश्यप एक पूरे आश्रम का अड्डा चला रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई वीडियो
समाज में महिलाओं के साथ होने वाली यौन उत्पीड़न और उनके अधिकारों की हिफाजत के लिए सख्त कदम उठाने की मांग भी सामने आई है। सोशल मीडिया पर विनोद कश्यप के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। उनमें से एक वीडियो में उन्होंने अपनी जीभ बाहर निकालकर उस पर चाकू फेरते हुए दिखे। दूसरे वीडियो में वह एक आदमी की समस्या को सुनते और समाधान का सुझाव देते हुए हुक्का पीते दिख रहे हैं।
इसके साथ ही, यह मामला महिलाओं को यौन उत्पीड़न के खिलाफ उनकी आवाज उठाने और उनके अधिकारों की रक्षा की महत्वपूर्ण बात साबित कर रहा है।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि यौन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई को और भी मजबूत और सशक्त बनाने की आवश्यकता है। सरकार, पुलिस, और समाज के अन्य सभी स्तरों पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के साथ जीवन जी सकें।
इस विशेष मामले के साथ, अगर समाज महिलाओं के यौन अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक होता है, तो हम साकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और समाज में एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण माहौल पैदा कर सकते हैं। यह आम समय के साथ होने वाली सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है, जिसमें महिलाओं को उनके अधिकारों का पालन करने का अधिक मौका मिले।