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महाराष्ट्र का CM कौन होगा? ढाई घंटे की मीटिंग में भी तय नहीं हो सका

by Reeta Rai Sagar
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मुंबई : महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस नाम से पर्दा आज उठ सकता है। गुरुवार की देर रात महायुति गठबंधन के तीनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई। करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री के नाम से लेकर मंत्रिमंडल के बंटवारे तक पर चर्चा हुई।

कौन-कौन रहे मौजूद

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में देवेंद्र फड़नवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के अलावा बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, एनसीपी के सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनीव तटकरे भी शामिल रहे। इस बैठक से पहले एकनाथ शिंदे और अमित शाह के बीच अकेले में आधे घंटे तक चर्चा चली। शाह के पहुंचने से पहले अजित पवार औऱ देवेंद्र फड़नवीस के बीच भी मीटिंग हुई।

मीटिंग से बाहर आकर शिंदे ने कहा-

बैठक से बाहर आते ही शिंदे ने बैठक के सकारात्मक होने की बात कही। आगे शिंदे ने बताया कि महायुति की एक और बैठक मुंबई में होगी और वहीं मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लिया जाएगा। खबरों के मुताबिक बीजेपी के दो ऑब्जर्वर 1 दिसंबर को मुंबई पहुचेंगे और वहां विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद ही विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सीएम के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।

बेटे के घर पहुंचे शिंदे

मीटिंग के समापन के बाद अजित पवार और फड़नवीस मुंबई के लिए रवाना हो गए, जबकि शिंदे अपने बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे के घर पहुंचे। वहां उन्होंने सांसदों के साथ बैठक की। इसके बाद देर रात वे भी मुंबई के लिए निकल गए।

बैठक सफल रही : शिंदे

इससे पूर्व गुरुवार की शाम को जब शिंदे दिल्ली पहुंचे, तो मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा था कि लाड़ला भाई दिल्ली आय़ा है। इससे पहले आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में शिंदे ने कहा था कि मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया है। यह जनता की विजय है। समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद। चुनाव के दौरान हमने सुबह 5 बजे से काम किया। हमारे कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की।

शिंदे के कुछ ऐसे बयान हैं, जिससे सीएम की कुर्सी की तस्वीर थोड़ी बहुत साफ हो जाती है-
मैं आम आदमी हूं, कभी खुद को सीएम नहीं समझा। मैं देखता आया हूं कि कुटुंब को कैसे चलाया जाए। एक बार उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की लाडली बहना का मैं लाड़ला भाई हूं। घर हो या मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। राज्य के भाई-बहन खुश हैं।

शिंदे के अन्य बयानों पर नजर डालें, तो उन्होंने कहा था कि राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का सहयोग आवश्यक है। हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ रहीं।
खुद को दावेदारी से दूर करते हुए शिंदे ने कहा था कि हम अड़चन नहीं, पूरी शिवसेना को मोदीजी का फैसला स्वीकार होगा। मोदी-शाह मेरे ढाई साल के कार्यकाल के दौरान चट्टान की तरह साथ खड़े रहे। आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं।


सीएम पद का त्याग करते हुए शिंदे ने कहा था कि मुझे पद की लालसा नहीं है। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था, वो था महाविकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।

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