Home » करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन्स की एक चिट्ठी पर हंगामा है क्यों बरपा?

करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन्स की एक चिट्ठी पर हंगामा है क्यों बरपा?

धर्मा की चिट्ठी से कुछ क्रिटिक्स थोड़े परेशान दिखे. इसमें दिल्ली-मुंबई के क्रिटिक्स की संख्या ही है. दरअसल जो भी प्रेस शोज होते हैं, वो अधिकतर दिल्ली और मुंबई में ही होते हैं. जबकि रिव्यूज तो देश के दूसरे शहरों से लोग भी करते हैं.

by Neha Verma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

बॉलीवुड फिल्म डॉयरेक्टर करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन्स लगातार चर्चा में है। पहले इसकी एक चिट्ठी खूब खबरों में रही. फिर दिव्या खोसला ने धर्मा बैनर के तले बने फिल्म जिगरा पर आरोप लगाए और फिर खबर आई कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इसके शेयर खरीद रही. एक चिट्ठी के बाद से ही हंगामा जारी है। इस रिपोर्ट में आपको इसके सारे पहलू बताते हैं।

धर्मा की चिट्ठी का क्या है लब्बोलबाब?

कुछ दिनों पहले करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई। इस चिट्ठी में फिल्म क्रिटिक्स को इतने सालों तक साथ देने के लिए शुक्रिया किया गया और फिर धीरे से कह दिया कि अब से फिल्म रिलीज के पहले नहीं दिखाई जाएगी। चिट्ठी के लब्बोलबाब की बात करें तो धर्मा प्रोडक्शन की फिल्मों का प्री-रिलीज अब नहीं रखा जाएगा। जिस दिन फिल्म की रिलीज होगी उसी दिन फर्स्ट हाफ प्रेस वालों को दिखाया जाएगा। फिल्ममेकर करण जौहर की कंपनी धर्मा प्रोडक्शन में हर साल कई बड़ी फिल्मों का निर्माण होता है। इस कंपनी में अब साउथ की फिल्मों में भी पैसा लगाया जाता है और ये कंपनी कई फिल्मों की प्री-रिलीज स्क्रीनिंग भी कराती है।

‘धर्मा’ की चिट्ठी से परेशान क्रिटिक्स

धर्मा की चिट्ठी से कुछ क्रिटिक्स थोड़े परेशान दिखे. इसमें दिल्ली-मुंबई के क्रिटिक्स की संख्या ही है। दरअसल जो भी प्रेस शोज होते हैं, वो अधिकतर दिल्ली और मुंबई में ही होते हैं। जबकि रिव्यूज तो देश के दूसरे शहरों से लोग भी करते हैं। जो क्रिटिक्स आम दर्शकों की तरह ही रिलीज के दिन फिल्म देखते हैं उन पर इस चिट्ठी का कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। वहीं, ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी प्रोडक्शन हाउस ने प्री-रिलीज से इनकार किया है। इससे पहले यशराज फिल्म्स भी इस ही धर्रे पर चल रहे हैं। परेशान हो रहे क्रिटिक्स का कहना है कि बतौर क्रिटिक्स ये उनके काम पर सवाल है। क्रिटिक्स का मानना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो हर प्रोडक्शन हाउस अपनी फिल्म दिखाना बंद कर देगा, जिससे लोग फिल्म रिव्यूज को ही सीरियस लेना बंद कर देंगे।

‘धर्मा’ में रिलायस की हिस्सेदारी!

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) बॉलीवुड फिल्म डॉयरेक्टर करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन्स में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. इकोनॉमिक टाइम्स (ET) ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इस डील से तेल से लेकर टेलीकम्युनिकेशन तक के बिजनेस से जुड़ी कंपनी की भारतीय कंटेंट प्रोडक्शन इंडस्ट्री में स्थिति मजबूत होगी। इस डील के जरिए RIL धर्मा प्रोडक्शन्स में कितनी हिस्सेदारी कितने में खरीद सकती है। इसके बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट के अनुसार, करण जौहर पिछले कुछ समय से धर्मा प्रोडक्शन्स की कुछ हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं। लेकिन वैल्यूएशन को लेकर असहमति के कारण पिछली कुछ डील फाइनल नहीं हो पाई हैं। बता दें कि धर्मा में करण जौहर की 90.7% और उनकी मां हीरू की 9.24% हिस्सेदारी है।

सच्चे-झूठे रिव्यूज

बीते कुछ सालों में जहां सिनेमा तेजी से बदला है तो दूसरी ओर रिव्यूज की क्रेडिबिलिटीज पर भी सवाल उठने लगे हैं। एक वक्त था जब लोग इस भरोसे फिल्म देखने जाते थे कि फिल्म को क्रिटिक्स ने रिव्यूज कैसे दिए हैं। लेकिन अब पूरा गेम ही बदल गया है. अब खुलेआम क्रिटिक्स को समोसा क्रिटिक कहा जाता है। ऐसा क्यों ये भी आपको बता देते हैं. दरअसल अधिकतर फिल्मों के प्रेस शोज होते है‍ं। यानी फिल्म की रिलीज से पहले कुछ फिल्म क्रिटिक्स को फिल्म दिखाई जाती है। फिल्म दिखाने के साथ ही उन्हें एक कूपन मिलता है। इस कूपन से आप मुफ्त में समोसा, कोल्डड्रिंक और पॉपकॉर्न ले सकते हैं। इस वजह से सोशल मीडिया पर ‘समोसा क्रिटिक’ टर्म तैरनी लगी है. मामला सिर्फ यही तक नहीं रुका है। गेम तो इसके बाद शुरू होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर फिल्म क्रिटिक्स को अच्छी नहीं लगती है तो मेकर्स, प्रोड्यूसर्स या फिर लीड एक्टर्स आदि की तरफ से क्रिटिक्स को पैसा दिया जाता है कि अच्छे रिव्यूज दिए जाएं। वहीं, कई बार ऐसा भी सुनने को मिलता है कि क्रिटिक्स भी धमकाते हैं कि पैसा नहीं दिया गया तो फिल्म को गंदे रिव्यूज दिए जाएंगे. हालांकि इस मुद्दे पर कभी भी किसी ने खुलकर किसी का नाम लेकर बात नहीं की दिव्या खोसला वर्सस करण जौहर

करण जौहर की जिगरा को भले ही क्रिटिक्स ने पसंद किया लेकिन दिव्या ने इसके कलेक्शन पर सवाल उठा दिया है। दिव्या ने बीते दिनों इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक तस्वीर शेयर की। तस्वीर में दिख रहा था कि थिएटर में आलिया भट्ट की जिगरा चल रही है। जबकि थिएटर्स खाली हैं. दिव्या ने इंस्टा स्टोरी के साथ लिखा। ‘जिगरा देखने सिटी मॉल के पीवीआर गई थी। थिएटर पूरी तरह खाली था। बल्कि हर जगह सभी थिएटर्स खाली जा रहे हैं। आलिया भट्ट में सच में बहुत जिगरा है। खुद ही टिकट खरीदे और फेक कलेक्शन अनाउंस कर दिए। मैं हैरान हूं कि आखिर पेड मीडिया चुप क्यों है? जनता को उल्लू नहीं बनाना चाहिए। झूठ के ऊपर सच है।

दिव्या की इस सोशल मीडिया स्टोरी पर करण जौहर ने भी बिना कोई नाम लिए रिएक्ट किया। करण, ‘जिगरा’ के प्रोड्यूसर हैं. करण ने लिखा- ‘बेवकूफों के लिए खामोश रहना ही सबसे बेहतरीन जवाब है.’ करण के पोस्ट के बाद एक बार फिर से दिव्या ने स्टोरी डाली और लिखा- ‘ सच्चाई हमेशा इसके खिलाफ खडे़ मूर्खों को भड़का देती है. अगली पोस्ट में उन्होंने लिखा, जब आप बेशर्मी से दूसरों की चीजों पर हक जमाते हुए उसे चुराते हैं, तो आपको चुप रहकर ही बचना पड़ेगा. आपकी कोई आवाज और रीड़ की हड्डी नहीं होती।

ऊपर की पूरी बहसबाजी को देखने के बाद आपके भी जेहन में ये सवाल आया होगा कि आखिर दिव्या का आलिया की जिगरा से क्या कनेक्शन?

दरअसल, 31 मई 2024 को दिव्या खोसला कुमार की फिल्म ‘सावी’ रिलीज हुई थी। फिल्म में एक बहन की कहानी थी, जो अपने भाई को बचाने की जद्दोजहद करती है। वहीं, 11 अक्टूबर को आलिया भट्ट और वेदांग रैना स्टारर फिल्म जिगरा रिलीज हुई है, जिसकी स्टोरीलाइन सावी से एकदम मेल खाती है। जिगरा का ट्रेलर आने के बाद से ही दिव्या की टीम, जिगरा मेकर्स पर सावी की कहानी चोरी करने का आरोप लगा रही है। उनकी पीआर टीम ने एक नोट शेयर कर इसकी जानकारी दी थी। एक्ट्रेस का आरोप है कि, आलिया ने उनकी फिल्म की स्क्रिप्ट चुराई और फिर डायरेक्टर वासन बाला के साथ मिलकर उसमें बदलाव करके ‘जिगरा’ नाम से रिलीज कर दिया।

क्या होती है कॉरपोरेट बुकिंग?

बीते कुछ वक्त में आपने इस शब्द को जरूर कई बार सुना होगा. एक बार फिर से दिव्या खोसला के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद ये चर्चा में हैं। ‘कॉरपोरेट बुकिंग’ को आम भाषा में कह सकते हैं कि कोई एक शख्स या फिर कंपनी थोक में थिएटर्स में टिकिट बुक कर लेती है, जिससे टिकिट बुक करते वक्त आम शख्स को ऐसा दिखता है कि फिल्म करीब करीब हाउसफुल जा रही है। इसके टिकट बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। जबकि हकीकत में सिर्फ टिकट बुक होते हैं। देखने के लिए कोई नहीं पहुंचता है और थिएटर्स खाली ही रहते हैं। इसका फायदा फिल्म के कलेक्शन में दिखता है। जनता को दिखाने के लिए एक बड़ा नंबर होता है कि फिल्म ने इतने करोड़ की कमाई की है। भले ही रिव्यूज से नहीं लेकिन बड़े बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देख दर्शक भी एक बार सोच लेते हैं कि फिल्म जब इतना अच्छा कमा रही है तो क्यों न हम भी इसे देखकर आएं। बस ऐसे ही फिल्म की कमाई में इजाफा होता है।

Read Also- ‘Vicky Vidya Ka Woh Wala Video’ के निर्देशक ने Maddock Films से मांगी माफी, ‘Stree’ के डायलॉग का किया था यूज

Related Articles