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Garhwa News Update : गढ़वा में हाथियों का आतंक, दो लोगों को कुचलकर मारा

Jharkhand News: घटना पर रेंजर गोपाल चंद्रा ने जानकारी दी कि यह जंगली हाथी छत्तीसगढ़ से आया है और इसी के द्वारा क्षति पहुंचाई गई है।

by Rakesh Pandey
Garhwa wild elephant attack
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गढ़वा : जिले के चिनियां थाना क्षेत्र अंतर्गत चिरका गांव में जंगली हाथियों के झुंड ने रविवार रात दो लोगों को कुचलकर मार डाला। इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे गांव में मातम और वन विभाग के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। मृतकों की पहचान प्रमिला देवी (40 वर्ष) और सुधीर सोरेंग (35 वर्ष) के रूप में हुई है। यह घटना गढ़वा जिले में हाथी हमले की लगातार पांचवीं घटना है, जिसमें लोगों की जान जा चुकी है।

Garhwa News Update : मोबाइल पर बात कर रहीं थीं, अचानक पहुंचा हाथी

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रमिला देवी अपने प्रवासी पति से मोबाइल पर बात कर रही थीं, जब अचानक एक जंगली हाथी वहां आ धमका। उन्होंने जान बचाने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने उन्हें पकड़कर कुचल डाला। प्रमिला देवी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

Garhwa News Update : कटहल के पेड़ की रक्षा करते हुए जान गंवा बैठे सुधीर सोरेंग

पास के ही घर में सो रहे सुधीर सोरेंग को आवाजें सुनाई दीं, तो उन्होंने देखा कि एक हाथी उनके कटहल के पेड़ को नुकसान पहुंचा रहा है। वे बाहर निकले तो हाथी ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें भी कुचलकर मार डाला।

Garhwa News Update : ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, शव उठाने से किया इनकार

सुबह होते ही गांव में आक्रोशित ग्रामीण घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि सुबह 9 बजे तक वन विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके विरोध में ग्रामीणों ने शवों को उठाने से इनकार कर दिया और मांग की कि वरीय वन पदाधिकारी जब तक नहीं आएंगे, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि चिनियां थाना प्रभारी अमित कुमार पुलिस बल के साथ सुबह से ही घटनास्थल पर मौजूद थे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे थे।

रेंजर का बयान, हाथी छत्तीसगढ़ से आया

घटना पर रेंजर गोपाल चंद्रा ने जानकारी दी कि यह जंगली हाथी छत्तीसगढ़ से आया है और इसी के द्वारा क्षति पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पदाधिकारी को सूचित किया गया है और मुआवजे की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

छह महीनों में पांच मौतें, फिर भी नहीं जागा वन विभाग

इससे पहले भी चिरका गांव और आसपास के क्षेत्रों में जंगली हाथियों के हमलों में चार लोगों की जान जा चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार मांग करने के बावजूद वन विभाग ने सुरक्षा या रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। गत महीनों में ग्रामीणों ने गढ़वा-चिनिया मुख्य पथ को जाम कर विरोध जताया था और बन कार्यालय का घेराव भी किया था, लेकिन फिर भी प्रशासन और वन विभाग मौन रहा। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि ग्रामीणों का धैर्य टूट चुका है।

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