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क्या बंद हो जाएगा कोल्हान का एकमात्र सरकारी लॉ कॉलेज, बार काउंसिल ने नहीं बढ़ाई मान्यता

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर: काफी मशक्कत के बाद मान्यता मिली थी, अपना अलग भवन भी मिल गया लेकिन यह क्या? उम्मीद थी कि विधि शिक्षा के क्षेत्र में यह आगे बढ़ेगा। ऐसा होता दिख नहीं रहा है। एक बार फिर कोल्हान के सरकारी लॉ कालेज बंद होने की कगार पर पहुंच गया है।

कोल्हान के एक मात्र सरकारी को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज को इस सत्र में दाखिले के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से कोर्स संचालन की मान्यता नहीं मिल पायी है।

नहीं शुरू हो पा रही है एडमिशन की प्रक्रिया

कॉलेज प्रशासन ने पांच महीने पहले मान्यता के लिए आवेदन किया था। लेकिन बीसीआई ने अभी तक इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया। जिसकी वजह से कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पा रही है। जबकि इस सत्र के शुरू हुए चार महीने से अधिक का समय बीत गया है।

इसका सबसे अधिक नुकसान उन छात्रों को हो रहा है। जो यहां से एलएलबी में दाखिले का इंतजार कर रहे हैं। विदित हो कि कॉलेज में एलएलबी की कुल 120 सीटें है।

जिस पर दाखिले के लिए बड़ी संख्या में छात्र आवेदन करते हैं। लेकिन इस बार कॉलेज में कोई यह बताने वाला नहीं है कि यहां कब से एडमिशन शुरू होगा या होगा की नहीं। विदित हो कि अगर काउंसिल से मान्यता नहीं मिली तो इस कॉलेज में दाखिला नहीं हो सकेगा।

मान्यता की अवधि हो चुकी है समाप्त

को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज की बात करें पिछले वर्ष बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पिछले शर्तों के आधार पर एक वर्ष के लिए मान्यता प्रदान की थी। ऐसे में मान्यता की निर्धारित अवधि अब पूरी हो चुकी है। और अब नए सत्र में दाखिले के लिए कॉलेज को बीसीआई से नए सिरे से मान्यता लेना जरूरी है। इसके लिए कॉलेज ने जून में ही अप्लाई कर दिया था। लेकिन अभी तक इस पर बीसीआई ने कोई फैसला नहीं लिया है।

मान्यता की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा कॉलेज

को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह मान्यता के लिए बीसीआई की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक लॉ कॉलेज की एक अलग यूनिट होना चाहिए। लेकिन यह कॉलेज अभी भी को-ऑपरेटिव कॉलेज के अंतर्गत संचालित हो रहा है। साथ ही आधारभूत संरचना की भारी कमी है। शिक्षकों की भी यहां कमी है। जबकि पिछले वर्ष मान्यता देते समय काउंसिल ने इन सभी शर्तों को पूरा करने की बात कही थी।

प्राचार्य को उम्मीद, जल्द मिल जाएगी मान्यता

को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ जितेंद्र कुमार का कहना है कि को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के मान्यता विस्तारीकरण के लिए हमने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समझ आवेदन किया है। लेकिन अभी तक बार काउंसिल की स्वीकृति नहीं मिली है। यही वजह है कि इस सत्र में नामांकन की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। हमें उम्मीद है कि अगले महीने हमें अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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