नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल बुधवार को लोकसभा में पास हो गया और अब यह गुरूवार 21 सितंबर को राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। जहां इस पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी। आंकड़े की मानें तो यहां भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा। वहीं लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। AIMIM पार्टी के दो सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने विरोध में वोट डाले।
वोटिंग पर्ची के जरिए हुई। लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ। इस बिल के पास होने के बाद PM मोदी ने बुधवार रात X पर लिखा कि लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के पारित होने पर खुशी हुई। मैं सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में वोट किया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
वहीं अगर यह बिल राज्यसभा में पास हो जाएगी तो लोकसभा व राज्य के विधानसभओं में महिलओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएगा। हालांकि कहा जा रहा है कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से लागू होगा। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में इस बिल का लाभ महिलाओं को नहीं मिलेगा।
चर्चा में 60 सांसद हुए शामिल:
महिला आरक्षण बिल पर हुई चर्चा में 60 सांसद शामिल हुए और सभी ने अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने कहा कि OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है। इसका जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाओं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। लेकिन सिर्फ विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा। क्योंकि हर आरक्षण को लागू करने की एक प्रक्रिया होती है।
OBC पर भीड़ गए राहुल गांधी व अमित शाह:
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए अचानक राहुल गांधी ओबीसी आरक्षण पर चले गए उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार के अधीन 90 सेक्रेटरी काम कर रहे हैं। लेकिन इसमें से सिर्फ 3 ही ओबीसी के हैं। ऐसा क्यों है। इसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि इनकी समझ है कि देश सेक्रेटरी चलाते हैं, लेकिन मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है। संविधान कहता है कि देश की नीतियों का निर्धारण इस देश की कैबिनेट करती है। अगर आपको आंकड़े चाहिए तो मैं बताता हूं। बीजेपी की सरकार में 29 फीसदी यानी 85 सांसद ओबीसी कैटेगरी के है। 29 मंत्री भी OBC कैटेगरी के हैं। बीजेपी के OBC एमएलए 1358 में से 365 यानी 27 फीसदी हैं। ये सभी ओबीसी का राग अलापने वालों से ज्यादा है। बीजेपी के OBC एमएलसी 163 में से 65 हैं। यानी 40 फीसदी है, जबकि विपक्ष के लोग तो 33 फीसदी की बात करते हैं।
ओवैसी ने किया बिल का विरोध:
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल ‘सवर्ण’ महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। इस बिल से ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर असर पड़ेगा। यह महिलाओं को धोखा देने वाला, ओबीसी व मुस्लिम विरोधी बिल है।