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Gorakhpur News: यायावरी कथाकारी प्रतियोगिता की हुई घोषणा, भोजपुरी कहानीकार 31 मार्च तक भेज सकेंगे कहानी

हर वर्ष की भांति इस बार भी पहले स्थान के लिए 5101 रुपये, दूसरे स्थान के लिए 2101 रुपये और तीसरे स्थान के लिए 1101 रुपये की पुरस्कार राशि निर्धारित है।

by Anurag Ranjan
यायावरी कथाकारी प्रतियोगिता
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गोरखपुर : भोजपुरी भाषा के विकास एवं संवर्धन के लिए समर्पित संस्था यायावरी वाया भोजपुरी की ओर से बुधवार को प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली भोजपुरी कहानी लेखन प्रतियोगिता के चौथे संस्करण “कथाकारी प्रतियोगिता-2025” का एलान किया गया। भोजपुरी भाषा की कहानियों की इस प्रतियोगिता के लिए न्यूनतम शब्द सीमा 500 शब्दों की और अधिकतम शब्द सीमा 4500 शब्दों की है। इस प्रतियोगिता के लिए कहानी भेजने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है। इसके विजेताओं का सम्मान हर वर्ष की तरह “यायावरी भोजपुरी महोत्सव” के दौरान किया जाएगा।

विजेताओं को मिलेगा पुरस्कार

प्रतियोगिता के लिए कहानी भेजने की सबसे पहली शर्त उसका मौलिक होना है। किसी भी अन्य भाषा से अनूदित कहानी प्रतियोगिता के लिए मान्य नहीं होगी। संस्था की ओर से प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र के साथ ही आकर्षक नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। हर वर्ष की भांति इस बार भी पहले स्थान के लिए 5101 रुपये, दूसरे स्थान के लिए 2101 रुपये और तीसरे स्थान के लिए 1101 रुपये की पुरस्कार राशि निर्धारित है। तीन सांत्वना पुरस्कारों के लिए 501-501 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही इन कहानियों को यायावरी वाया भोजपुरी के स्टोरी टेलिंग एप पर ऑडियो वर्जन में उपलब्ध कराया जाएगा।

यहां भेजें अपनी कहानी

सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर के अनुसार प्रतियोगिता के लिए कहानी भेजने का माध्यम ई-मेल और व्हाटसएप है। प्रतिभागी [email protected] पर ई-मेल और 9451261177 पर व्हाटसएप (वर्ड फाइल) में अपनी कहानी भेज सकते हैं।

यह है चयन प्रक्रिया

अंतिम तिथि तक प्राप्त वैसी कहानियां जो निर्धारित मापदंडो को पूरा करती हों, उन्हें प्रतियोगिता के पहले स्तर पर चयनित किया जाता है। इसके पश्चात तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल इन कहानियों को अलग-अलग कहानी के प्रवाह, भाव तथा कथ्य एवं भाषा आदि मापदंडो पर अंक प्रदान करता है। तीनों निर्णायकों से मिले अंकों का औसत निकालकर पहले दूसरे एवं तीसरे स्थान के साथ ही चौथे, पांचवें और छठे स्थान (तीनों सांत्वना पुरस्कार) के कहानियों की घोषणा की जाती है। इस प्रक्रिया के लिए संस्था की ओर से बेहद पारदर्शी तरीका अपनाते हुए सभी निर्णायकों से कहानी के लेखक का नाम छुपा लिया जाता है और सिर्फ कहानी भेजी जाती है।

संस्था के परियोजना अधिकारी गौरव मणि त्रिपाठी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में बड़ी संख्या में कहानियां प्राप्त होती रहीं हैं। पिछले वर्षों में कुछ प्रतिभागी समय समाप्त होने के बाद भी कहानियों को शामिल करने का आग्रह करते रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार ढाई महीने का समय कहानी भेजने के लिए तय किया गया है। उन्होंने सभी भोजपुरी कहानीकारों से आग्रह किया कि वे अपनी कहानियां जरूर भेजें।

क्या है यायावरी वाया भोजपुरी

भोजपुरी भाषा में कहानियां सुनाने के लिए चर्चित “यायावरी वाया भोजपुरी” एक स्टोरी टेलिंग एप है। इसके साथ ही संस्था भोजपुरी के विकास और संवर्धन के लिए समय-समय पर विभिन्न आयोजन भी कराती है। संस्था का प्रयास भोजपुरी के मूल स्वरूप को देश-विदेश तक पहुंचाने का है।

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