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यूपी : पुलिस वर्दी पहन कर डांस किया हवालात में कटेगी रात, जानें प्रदेश में लागू है कौन सा नियम, कैसे सोशल मीडिया के उपयोग के लिए तय हुए कायदे-कानून

by Rakesh Pandey
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लखनऊ, स्टेट डेस्क : सोशल मीडिया पर पुलिस वालों के डांस का वीडियो अक्सर आपने देखा होगा। कुछ पुलिस अधिकारी अपराधियों पर कार्रवाई का भी लाइव प्रसारण करते हैं।

इसे सोशल मीडिया यूजर्स खासा पसंद भी करते है। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार में खाकी वर्दी वालों को नियम और कायदे में रहने की हिदायत दी गयी है।

देश के अलग-अलग राज्यों में पुलिस अधिकारी की सोशल मीडिया एक्टिविटी से अलग यूपी के पुलिस के लिए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह क्या कर सकती है, क्या नहीं कर सकती है।

पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से फरवरी माह में कुल सात पन्नों की गाइड लाइन जारी की गयी है। इसके अनुसार ही पुलिस के अधिकारी और जवान सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं।

सोशल मीडिया को लेकर यूपी पुलिस के लिए क्या है नियम

उत्तर प्रदेश पुलिस काम के दौरान रील बनाने, वीडियो बनाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिसकर्मियों द्वारा वर्दी में ‘अशोभनीय’ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करने से विभाग की छवि धूमिल हुई है।

इसलिए भविष्य में इसे रोकने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई है। सभी कर्मचारियों को सख्ती से इसके पालन करने का कहा गया है।

इस संबंध में विभाग की ओर से विस्तृत आदेश जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि पुलिस किस स्तर तक सोशल मीडिया का उपयोग कर सकती है।

यूपी पुलिस की सोशल मीडिया पॉलिसी में रील्स बनाने के क्या हैं नियम

पॉलिसी में सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया के व्यक्तिगत इस्तेमाल पर रोक है। ड्यूटी के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो अथवा रील्स बनाने या किसी भी कर्मचारी द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर लाइव टेलीकास्ट करने से मना किया गया है।

ड्यूटी के बाद भी वर्दी में किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना प्रतिबंधित किया गया है।

मोनेटाइजेशन के लिए इजाजत जरूरी

सोशल मीडिया पॉलिसी के मुताबिक, थाना,पुलिस लाइन,दफ्तर इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल,फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना भी प्रतिबंधित है।

सोशल मीडिया अकाउंट के मोनेटाइजेशन के लिए इजाजत जरूरी है। पुलिस कर्मी अपने कार्यस्थल से संबंधित किसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि के जरिए शिकायतकर्ता से बातचीत का लाइव टेलीकास् नहीं कर सकते।

ऐसे वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने की मनाही है। पुलिस कर्मचारियों को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पैसे कमाने के लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी।

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सोशल मीडिया पर ये चीजें करने पर कोई पाबंदी नहीं

सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों को सामान्य नागरिक के रूप में वह सभी चीजें करने की आजादी दी गयी, जिसकी इजाजत उन्हें सरकारी नौकरी से जुड़े नियम देते हैं।

पुलिस कर्मचारी सोशल मडिया पर अपनी अभिव्यक्ति के बारे में ‘निजी विचार’ का डिस्क्लेमर लगाकर पोस्ट वगैरह डाल सकते हैं। पुलिसकर्मियों द्वारा ‘सोशल मीडिया पॉलिसी’ के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही गई है।

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