सेंट्रल डेस्क : भारतीय रेलवे एक ‘चमत्कारिक 14 मिनट’ की योजना लांच की है। इस योजना के तहत 1 अक्टूबर से वंदे भारत ट्रेनों की तेजी से सफाई होगी। महज 14 मिनट के अंदर इन ट्रेनों को अच्छे तरीके से साफ कर दिया जाएगा।
इसकी औपचारिक शुरुआत रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन से की। वैष्णव ने समय पालन में सुधार की पहल के रूप में इस योजना की शुरुआत की है। उन्होंने बताया है कि वंदेभारत ट्रेनों की सफाई अब 14 मिनट में पूरी की जाएगी।
प्रशिक्षित कर्मचारी होंगे तैनात
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे 1 अक्टूबर से ट्रेनों की त्वरित सफाई के लिए ’14 मिनट के चमत्कार’ की शुरुआत कर रहा है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम चाहते हैं कि 14 मिनट में सभी ट्रेनों की सफाई हो जाए लेकिन अभी वंदे भारत ट्रेन से शुरुआत कर रहे हैं।
प्रत्येक वंदे भारत कोच में कुल चार कर्मचारी तैनात होंगे। इस पहल के लिए सफाई कर्मचारियों को न केवल एक महीने के लिए बल्कि इससे अधिक समय तक प्रशिक्षित किया गया है और मॉक ड्रिल भी की गई है। जिस प्रक्रिया में पहले 3-4 घंटे लगते थे, उसे अब महज 14 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।
समय की पाबंदी की दिशा में की गई यह पहल
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह एक अनोखा कॉन्सेप्ट है। भारतीय रेलवे में पहली बार ऐसा होने जा रहा है। यह पहल जापान के कॉन्सेप्ट पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि यह जापान के ओसाका, टोक्यो आदि जैसे विभिन्न स्टेशनों पर ‘7 मिनट के चमत्कार’ की अवधारणा पर आधारित है, जहां बुलेट ट्रेनों को सात मिनट के भीतर साफ किया जाता है और दूसरी यात्रा के लिए तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि समय की पाबंदी और टर्नअराउंड समय में सुधार के लिए यह पहल की जा रही है।
अन्य ट्रेनों के लिए भी जल्द लागू होगी यह व्यवस्था
रेल मंत्री ने कहा, ”अब बिना किसी नई तकनीक को शामिल किए इसमें केवल 14 मिनट लगेंगे।” मंत्री ने कहा, “वंदे भारत से शुरू करके, हम धीरे-धीरे अन्य ट्रेनों में भी इसी अवधारणा के तहत नई व्यवस्था लागू करेंगे, जिसका उनकी समयपालनता में सुधार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।”
इस स्कीम के साथ अनेक फायदे जुड़े हैं। इससे ट्रेनों की सफाई में सुधार होगा और यात्रियों को एक स्वच्छ और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सकगा। ट्रेन को अधिक कुशलता से और बेहतर तरीके से साफ किया जा सकता है। खास बात यह कि ट्रेन को साफ करने में लगने वाला समय काफी कम हो गया है।
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