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मांझी का पलटवार, कहा- नीतीश के मानसिक संतुलन की हो जांच

by Rakesh Pandey
मांझी का पलटवार कहा- नीतीश के मानसिक संतुलन की हो जांच
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पटना। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परोसे जाने वाले भोजन में उनकी ‘कुर्सी के लालची लोगों’ द्वारा जहरीला पदार्थ मिलाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह आरोप लगाया। इससे एक दिन पहले ही मांझी के पूर्व राजनीतिक गुरु नीतीश कुमार ने उन्हें फटकार लगाई थी।

मांझी का पलटवार कहा- नीतीश के मानसिक संतुलन की हो जांच

मांझी ने संवाददाताओं से कहा कि कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण उन्हें विधानमंडल के दोनों सदनों में माफी मांगनी पड़ी थी। कल उन्होंने फिर खुद पर नियंत्रण खो दिया और मुझसे अपमानजनक तरीके से बात की, यह भूल गये कि मैं उम्र और राजनीतिक अनुभव में उनसे वरिष्ठ हूं। यह उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब होने का संकेत है। इस दौरान मांझी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य मौजूद थे।

मुख्यमंत्री के भोजन की उच्च-स्तरीय जांच की मांग
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने यह भी कहा कि वह बिहार में मौजूदा गंभीर राजनीतिक स्थिति से राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को अवगत कराने के लिए आज (शनिवार) उनसे मुलाकात करेंगे। मांझी ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि मैं नीतीश कुमार को परोसे जाने वाले भोजन की उच्च-स्तरीय जांच कराने की भी मांग करता हूं। मुझे संदेह है कि उनके भोजन में ऐसे पदार्थ मिलाए जा रहे हैं, जो उन्हें पागल बना देंगे। उनके आस-पास कुछ ऐसे लोग हैं जो उनकी कुर्सी का लालच कर रहे हैं।

आरक्षण का काट खोजने में जुटी भाजपा
बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पूर्व सहयोगी जीतन राम मांझी पर जमकर बरसे और यह भी कहा कि उनकी मूर्खता के कारण मांझी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। इस बात को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष के लोगों ने मुख्यमंत्री पर अभद्र टिप्पणी के मामले में मांफी मांगने की मांग करते रहे। कुल मिलाकर यह विधानसभा सत्र कई मामलों के विवादों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की मुश्किलों को बढ़ाने वाला रहा। अब यहां देखना होगा कि भाजपा नीतीश कुमार के आरक्षण के काट से कैसे निबटती है, पर इतना तय है कि आगामी दिनों में होने वाले चुनाव में यह मुद्दा काफी प्रमुखता से उठने वाला है।

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