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राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ी, प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : Congress leader Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली और केरल के वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। संयोगवश वे दोनों सीट पर जीत गए थे। चूंकि कोई भी सांसद कोई एक ही सीट रख सकता है, इसलिए राहुल गांधी ने रायबरेली सीट अपने लिए रख ली है और वायनाड सीट छोड़ दी है।

अब वे रायबरेली से लोकसभा के सदस्य बने रहेंगे, जबकि वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे। राहुल गांधी की बहन और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वायनाड से लोकसभा का उपचुनाव लड़ेंगी। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में वायनाड और रायबरेली सीट से जीत दर्ज की। वहीं, नियम ये है कि रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। 4 जून को चुनाव के नतीजे आए थे। यानी 18 जून तक की डेडलाइन थी।

Congress leader Rahul GandhI: पहली बार चुनाव लड़ेंगी प्रियंका

 

इस बार प्रियंका गांधी पहली बार कोई चुनाव लड़ने जा रही हैं। वही राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत दर्ज की थी। कानूनन उन्हें एक सीट छोड़नी थी। गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली से राहुल 3 लाख 90 हजार वोट के अंतर से जीते। रायबरेली में राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह से था। इसके साथ ही राहुल गांधी ने वायनाड में माकपा की एनी राजा के खिलाफ भी तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। रायबरेली से 2019 में सोनिया गांधी सांसद निर्वाचित हुई थीं।

Congress leader Rahul Gandhi: प्रियंका गांधी ने क्या कहा

 

प्रियंका ने अपने बयान में कहा कि मैं चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी और भाई के लिए हमेशा काम करती रहूंगी। वहीं,,उन्होंने ये भी कहा कि मैं अपने भाई को निराश नहीं करूंगी। मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने के योग्य हूं, इस बात से बहुत खुश हूं और मैं वायनाड को उनकी अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और सभी को खुश करने और अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी। मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अपने भाई की मदद रायबरेली और वायनाड में करूंगी।

 

वहीं, बता दे कि प्रियंका गांधी ने अपनी राजनीति में खुद को अलग तरीके से पेश किया है। बेशक वह चुनावी राजनीति से कतराती हैं, लेकिन लोगों के बीच जाने और उनसे जुड़ने में वह लगातार खुद को साबित करती रही हैं। वहीं, राहुल गांधी जहां नीतिगत मुद्दों, भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर सरकार को घेरते रहे तो प्रियंका गांधी ने लोगों से भावनात्मक रिश्ता कायम किया।

Congress leader Rahul Gandhi : हिमाचल में दिखा था प्रियंका का मानवीय चेहरा

 

हिमाचल प्रदेश के विधायक ने पिछले दिनों बातचीत में एक किस्सा भी सुनाया था कि जब प्रियंका गांधी एक रैली के लिए हिमाचल पहुंची और भीड़ की वजह से उनकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाई तो वह कार से उतरकर पैदल ही चल दीं। वहीं, भीड़ की वजह से जब एक बुजुर्ग महिला की चप्पल उतरी तो प्रियंका गांधी ने वो चप्पल उठाकर महिला के सामने रख दी। चुनावी अभियान में भी वह वक्त और हालात की नजाकत को भांपते हुए आगे बढ़ीं। जहां जरूरी हुआ लोकल मुद्दों का जिक्र किया और जहां लगा, वहां सीधे पीएम मोदी पर हमालवर रहीं।

Congress leader Rahul Gandhi: वायनाड से भी प्रियंका का गहरा रिश्ता

 

वही अगर वायनाड की बात की जाए तो प्रियंका गांधी का वायनाड से भी मजबूत रिश्ता है। जबसे राहुल गांधी वहां के सांसद बने हैं, तब से प्रियंका गांधी का भी वायनाड आना जाना लगा रहता है। पिछले दिनों वह वायनाड में सबसे ज्यादा चर्चा में तब आईं थीं, जब राहुल गांधी की मानहानि के मामले में संसद सदस्यता रद्द हुई थी। वहीं, उसके बाद भाई राहुल गांधी के साथ पहुंचकर उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उस दौरे में प्रियंका गांधी के साथ रहे साउथ के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश चेन्निथला ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उस जनसभा के दौरान ही वायनाड के लोगों को प्रियंका गांधी में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी का चेहरा दिखने लगा था।

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