नई दिल्ली: Vande Bharat Sleeper Train : चेयर कार के बाद अब देश में स्लीपर वंदे भारत ट्रेन जल्द शुरू हाेने वाली है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) की फैक्ट्री में स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की पहली झलक दिखलाई इस दाैरान वे ट्रेन का निरीक्षण करते दिखे।
उन्हाेंने इससे संबंधित फाेटाे व वीडिया साेशल मीडिया पर भी शेयर किया। इस दाैरान उन्होंने बताया कि कोच की मेन्युफैक्चरिंग का काम पूरा हो गया है ऐसे में अगले 3 महीने में स्लीपर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू हो जाएगी।
उनकी मानें ताे कुछ दिनों में यह ट्रेन BEML फैक्ट्री से बाहर आ जाएगी। इसके बाद करीब 2 महीने ट्रेन की टेस्टिंग अलग-अलग रूट पर चलेगी। इसके बाद यात्रियों के लिए ट्रेन की लॉन्चिंग होगी।
दिसंबर तक इस ट्रेन के ट्रैक पर दाैड़ने की बात कही जा रही है। मालूम हाे कि अभी तक देश में जितने भी वंदे भारत ट्रेन चलाए जा रहे हैं उन सभी में चेयर कार काेच लगे हैं। लेकिन अब स्लीपर काेच की बारी है।
Vande Bharat Sleeper Train : 1200 किमी दूरी तय करेगी ट्रेन
रेल मंत्री ने बताया कि स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को 800 से 1200 किलाेमीटर तक की दूरी तय करेगी। यह ट्रेन अपनी अधिकतम यात्र रात में तय करेगी। इसमें यात्री रात करीब 10 बजे चढ़ेंगे और सुबह डेस्टिनेशन पर पहुंच जाएंगे। उनकी मानें ताे यह ट्रेन मिडिल क्लास के लिए बनाई गई है।
इसका किराया राजधानी के जितना ही होगा। हालांकि अभी यह किस रूट पर चलेगी इसकी जानकारी उन्हाेंने नहीं साझा किया है। रेल मंत्री के मुताबिक, ट्रेन को बनाते समय वेट बैलेंस और स्टेबिलिटी का ध्यान रखा गया है। व्हील और ट्रैक के बीच का मैकेनिकल हिस्सा खास तरीके से डिजाइन किया गया है। इससे ट्रेन के अंदर वाइब्रेशन और आवाज कम आएगी।
Vande Bharat Sleeper Train : दुनिया की बेहतरीन ट्रेन हाेने का दावा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की गिनती दुनिया की बेहतरीन ट्रेनों में होगी। क्याेंकि ट्रेन में कपलर मैकेनिज्म की नई टेक्नोलॉजी लाई गई है। इससे ट्रेन का वेट कम होता है और स्ट्रेंथ बढ़ती है।
कपलर दो कोच को जोड़ने वाला हिस्सा होता है। यह ऑस्टेनिटिक स्टील से बना होता है। यह अब तक का सबसे उन्नत स्लीपर काेच हैं। उन्हाेंने ट्रेन के कोच और टॉयलेट को अपग्रेड किया गया है। ट्रेन में कई सेफ्टी फीचर्स हैं। मेंटेनेंस स्टाफ के लिए एक अलग केबिन बनाया गया है।