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मिथुन चक्रवर्ती: राजनीति में वापसी और विवादों के बीच का सफर, संसद की कार्यवाही में तीन दिन रहे थे उपस्थित

वर्ष 2014 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के टिकट पर राज्यसभा सदस्य बने मिथुन ने 2016 में शारदा चिटफंड घोटाले में नाम आने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके चार साल बाद 70 वर्षीय मिथुन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर अपनी दूसरी राजनीतिक पारी की शुरुआत की।

by Rakesh Pandey
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एंटरटेन्मेंट डेस्क : वर्ष 1977 से अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत करनेवाले बॉलीवुड के मशहूर एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को इस साल दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। उनकी जिंदगी का सफर काफी उतार-चढ़ावा वाला रहा है। आइए, जानते हैं अपने फिल्मी के करियर में 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके मिथुन चक्रवर्ती की जिंदगी, उनकी फिल्मों, विवादों और राजनीतिक सफरनामे के बारे में।

तृणमूल से ढाई साल तक रहे राज्यसभा सांसद
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने राजनीति में भी उपस्थिति दर्ज कराई है। हालांकि अपनी पहली राजनीतिक पारी में 2.5 साल में मात्र 3 दिन संसद की कार्यवाही में भाग लिया। 2014 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के टिकट पर राज्यसभा सदस्य बने मिथुन का ये सफर 2016 में शारदा चिटफंड घोटाले में नाम आने के बाद समाप्त हुआ, जब उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से संन्यास ले लिया।

बीजेपी में शामिल होकर की नई शुरुआत

चार साल के सियासी संन्यास के बाद, 70 वर्षीय मिथुन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर अपनी दूसरी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इससे पहले वह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी रह चुके थे और तृणमूल कांग्रेस के साथ उनकी छवि एक वामपंथी नेता के रूप में बनी हुई थी। मिथुन की बीजेपी में शामिल होने की प्रक्रिया तब शुरू हुई जब उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की।

विवादों से प्रभावित करियर

मिथुन चक्रवर्ती का करियर कई विवादों से भरा रहा है। शारदा चिटफंड घोटाले में एक विज्ञापन करने को लेकर उनका नाम आने के बाद, उन्होंने कंपनी को 1.20 करोड़ रुपये लौटाए और खुद को इस फर्जीवाड़ा का हिस्सा नहीं बनने का निर्णय लिया। पहले वामपंथी माने जाने वाले मिथुन की ममता बनर्जी से जुड़ने और अब बीजेपी में शामिल होने की यात्राओं ने उन्हें बार-बार सुर्खियों में रखा है।

पहली ही फिल्म में मिला नेशनल अवार्ड
मिथुन ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1977 में आई फिल्म मृगया से की थी। पहली ही फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। मिथुन ने अपने करियर की शुरुआत में छोटे-छोटे रोल किए थे। दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने की घोषणा के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने इस अवॉर्ड को अपनी फैमिली और प्रशंसकों को समर्पित किया है।

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