जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड में एक बार फिर से डायरिया फैलने की खबर सामने आई है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचित किया गया, जिसके बाद टीम ने पहुंचकर जांच और इलाज शुरू किया। पहले भी इस प्रखंड के एक गांव में डायरिया फैलने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। इस बार, पटमदा और मुसाबनी प्रखंड से पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए थे, और रिपोर्ट में एंटरोकाकस फेकेलिस बैक्टीरिया की पुष्टि हुई। यह बैक्टीरिया पानी की गुणवत्ता से जुड़ी गंभीर समस्या को उजागर करता है, और यह बताता है कि इस पानी को पीने के लिए सुरक्षित नहीं माना जा सकता।
शुक्ला गांव में डायरिया का फैलाव
पटमदा के शुक्ला गांव में डायरिया के मामलों की जानकारी मिलने के बाद, स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव पहुंची। टीम में महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद, सुशील तिवारी, और अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे। टीम ने पाया कि आधा दर्जन से अधिक लोग डायरिया के शिकार हो गए हैं। इसके बाद पांच मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांव में लोग तालाब का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जबकि एक जलमीनार खराब है और दो चापाकल में से एक का पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में टीम ने तालाब और चापाकल के पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं।
पानी में एंटरोकाकस फेकेलिस बैक्टीरिया
जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद ने बताया कि इस बैक्टीरिया की पुष्टि के बाद यह साफ हो गया है कि पानी दूषित है और यह डायरिया फैलने का मुख्य कारण हो सकता है। एंटरोकाकस फेकेलिस बैक्टीरिया सामान्यत: आंतों में पाया जाता है, लेकिन यदि यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाए तो यह गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है। डॉ. असद ने बताया कि एंटरोकोकस बैक्टीरिया के कम से कम 18 प्रजातियां होती हैं, और इनका वातावरण में रहना शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यह बैक्टीरिया विशेष रूप से गर्म, नमकीन या अम्लीय वातावरण में जीवित रहते हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग का कदम
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित गांवों में स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरूक किया और उन्हें पानी उबाल कर पीने की सलाह दी। विभाग ने साथ ही पानी की गुणवत्ता को लेकर सख्त कदम उठाने का वादा किया है और भविष्य में पानी की सुरक्षा को लेकर आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने की बात की है। पटमदा के काशीडीह गांव में भी 26 अक्टूबर को डायरिया फैलने का मामला सामने आया था, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। इसके बाद अब दूसरे चरण में भी डायरिया के बढ़ते प्रकोप से चिंताएं बढ़ गई हैं।