नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नए चेयरमैन के रूप में जय शाह का कार्यकाल 1 दिसंबर 2024 से आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। उन्होंने ग्रेग बार्कले की जगह ली है, जो नवंबर 2020 से इस पद पर कार्यरत थे। जय शाह आईसीसी के अध्यक्ष बनने वाले 5वें भारतीय और चेयरमैन बनने वाले 3rd भारतीय हैं। उनके लिए यह एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि क्रिकेट की दुनिया में भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
जय शाह का स्वागत और महत्वाकांक्षाएं
जय शाह ने आईसीसी चेयरमैन का पद संभालने पर गर्व का इज़हार किया है। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए गर्व का क्षण है और मैं आईसीसी के निदेशकों और सदस्य बोर्डों का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इस जिम्मेदारी के लिए चुना है।” शाह ने आगे कहा कि यह खेल के लिए एक रोमांचक समय है क्योंकि आईसीसी ओलंपिक 2028 की तैयारी में जुटा है और क्रिकेट को एक ग्लोबल खेल बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उनके मुताबिक, क्रिकेट को और अधिक दिलचस्प बनाने के लिए नए प्रारूपों और महिला क्रिकेट के विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद की योजना
जय शाह ने यह भी कहा कि क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए वह आईसीसी के अन्य सदस्य देशों और टीमों के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं। उनके अनुसार, क्रिकेट के विविध प्रारूप और महिला क्रिकेट की बढ़ती हुई लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए कई पहल की जाएंगी। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में अपार संभावनाएं हैं और वह खेल को और आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी विवाद
हालांकि जय शाह का कार्यभार संभालना एक उत्साहजनक पल था, लेकिन उनके सामने चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन से जुड़ा विवाद भी था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि जय शाह के लिए इस विवाद को सुलझाना मुश्किल होगा क्योंकि ग्रेग बार्कले इस मामले की देखरेख कर रहे थे। चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर बीसीसीआई और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के बीच मतभेद थे। बीसीसीआई ने टीम को पाकिस्तान भेजने से इंकार कर दिया था और हाइब्रिड मॉडल में टूर्नामेंट आयोजित करने की इच्छा जताई थी, जबकि पीसीबी पाकिस्तान में ही ट्रॉफी का आयोजन चाहता था।
ताजा खबरों के मुताबिक, पीसीबी अपने रुख को नरम कर सकता है और हाइब्रिड मॉडल पर सहमति व्यक्त कर सकता है। हालांकि, पीसीबी की कुछ शर्तें भी हो सकती हैं। पीसीबी ने आईसीसी से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि 2031 तक भारत में सभी आईसीसी टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में ही आयोजित हों, जिसमें पाकिस्तान अपने मैच तीसरे देश में खेलेगा।
जय शाह की क्रिकेट प्रशासन में लंबी यात्रा
जय शाह की क्रिकेट प्रशासन में लंबी और सफल यात्रा रही है। उन्होंने 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (जीसीए) के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी और अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों की समिति का नेतृत्व किया।
जय शाह का चेयरमैन बनने का सफर भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देने का प्रतीक है और उनके नेतृत्व में आईसीसी को नए आयामों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
जय शाह का कार्यकाल कई मायनों में महत्वपूर्ण रहेगा। चैंपियंस ट्रॉफी विवाद के समाधान से लेकर महिला क्रिकेट के विकास तक, जय शाह के सामने कई चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां हैं। अब यह देखना होगा कि वह इन चुनौतियों का सामना किस तरह करते हैं और क्रिकेट के ग्लोबल बदलाव के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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