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रांची में इंजीनियरिंग छात्रा से रेप और हत्या मामले में दोषी की मौत की सजा पर SC की रोक, जाने क्या है मामला

दिसंबर 2019 में रांची की निचली अदालत ने राहुल कुमार को दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड सुनाया था।

by Rohit Kumar
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की राजधानी रांची में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के साथ रेप और हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए आरोपी राहुल कुमार उर्फ राहुल राज की मौत की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी। यह मामला साल 2016 का है, जब आरोपी ने छात्रा का बलात्कार कर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को आग के हवाले कर दिया गया था।

मृत्युदंड पर रोक, निचली और उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड तलब

न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान निचली अदालत और झारखंड उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड की अनुवादित प्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “मृत्युदंड की तामील पर रोक जारी रहेगी।” इसके साथ ही, रजिस्ट्री को ऑनलाइन और फिजिकल रिकॉर्ड की प्रति उच्च न्यायालय और निचली अदालत से मंगाने का आदेश दिया गया है।

उच्च न्यायालय ने की थी सजा की पुष्टि

इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने नौ सितंबर 2023 को बिहार के नवादा जिले के निवासी राहुल कुमार को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा की पुष्टि की थी। दिसंबर 2019 में रांची की निचली अदालत ने राहुल कुमार को दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड सुनाया था।

2016 में हुई थी छात्रा की निर्मम हत्या

यह दिल दहला देने वाली घटना 15 दिसंबर 2016 की है, जब रांची में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही छात्रा के साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर उसका गला घोंटकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद आरोपी ने पीड़िता के शव को जलाने की कोशिश की ताकि पहचान छुपाई जा सके।

तीन साल बाद सुनाई गई थी मौत की सजा

घटना के करीब तीन साल बाद, दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने राहुल कुमार को इस जघन्य अपराध का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा था। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौत की सजा पर रोक लगाने से मामला नए कानूनी मोड़ पर है। पीड़िता के परिवार और समाज को अब शीर्ष अदालत के अंतिम फैसले का इंतजार है, जो इस केस में न्याय की दिशा तय करेगा।

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