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एप्रोच पथ भी तैयार नहीं, CM नीतीश को दिखाने के लिए आधे-अधूरे पुल की कर दी रंगाई-पुताई

by Rakesh Pandey
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मुजफ्फरपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगामी दौरे को लेकर प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इन तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में एक ऐसी स्थिति सामने आई है, जिसमें सीएम के दौरे से पहले गंडक नदी पर बने एक अधूरे पुल की रंगाई-पुताई की जा रही है। इस कदम से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और उन्हें लगता है कि प्रशासन इस काम को महज दिखावे के लिए कर रहा है।

सीएम के दौरे की तैयारियां

नीतीश कुमार 27 दिसंबर को मुजफ्फरपुर के दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरान वे प्रगति यात्रा के तहत राज्य में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेंगे। इसके चलते प्रशासन ने गंडक नदी पर बन रहे चंदवारा पुल की रंगाई-पुताई शुरू कर दी है। हालांकि, यह पुल अभी अधूरा है और इसका एप्रोच पथ भी तैयार नहीं हुआ है। इसके बावजूद, सीएम के आगमन से पहले इस पुल का शिल्पिक कार्य तेजी से किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसे महज दिखावे के लिए पूरा किया जा रहा है।

पुल निर्माण पर आरोप

पूर्व पार्षद मो. रेयाज अंसारी ने इस पुल के निर्माण को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि पुल का निर्माण 10 साल पहले ही शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक यह अधूरा पड़ा है। इस पुल का शिलान्यास 2014-15 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था, लेकिन उसकी मंजूरी के बाद भी कई कारणों से यह पुल अब तक पूरा नहीं हो सका। रेयाज अंसारी के अनुसार, अधिकारियों ने इस पुल के निर्माण को जानबूझकर लटकाए रखा है, जबकि पुल के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण और अन्य समस्याएं भी अब तक हल नहीं हो पाई हैं।

‘जमीन अधिग्रहण में अड़चन’

रेयाज अंसारी ने यह भी कहा कि जमीन अधिग्रहण में समस्याएं आ रही हैं। जिन किसानों से जमीन ली गई है, उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसके कारण वे अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके अलावा, पुल के निर्माण के लिए कोई आधिकारिक नक्शा भी पास नहीं किया गया था। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री के आदेश पर पुल का काम शुरू कर दिया गया, लेकिन वह भी अधूरा पड़ा है।

प्रशासन का पक्ष

इस मामले पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि पुल निर्माण से जुड़ी सभी समस्याओं को हल कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि एप्रोच पथ का निर्माण जल्द पूरा कर लिया जाएगा और पुल का उद्घाटन 2025 तक होने की उम्मीद है। जिलाधिकारी ने यह भी आश्वासन दिया कि नए साल में इस पुल का उद्घाटन किया जाएगा और यह शहरवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा होगा।

पुल का महत्व

चंदवारा पुल के निर्माण से मुजफ्फरपुर के पूर्वी क्षेत्र का एनएच-57 से सीधा जुड़ाव होगा। इससे दरभंगा और सीतामढ़ी की दूरी में 10 से 15 किलोमीटर की कमी आएगी। इसके अलावा, अखाड़ाघाट पुल पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और मुशहरी से समस्तीपुर जाने के रास्ते में भी सहूलियत होगी। फिलहाल, यह पुल आधा अधूरा पड़ा है और उसकी रंगाई-पुताई की जा रही है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है।

इस पूरी स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन ने सीएम के आगमन से पहले पुल की रंगाई-पुताई करवा कर सिर्फ दिखावा किया है। यह सवाल खड़ा करता है कि जब पुल का निर्माण अधूरा है और अन्य समस्याएं जैसे जमीन अधिग्रहण और एप्रोच पथ का काम बाकी है, तो क्या इसे जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास नहीं कहा जाएगा? हालांकि, जिलाधिकारी का कहना है कि सभी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा और पुल का उद्घाटन नए साल में होगा, लेकिन वर्तमान में स्थिति वही है, जो पिछले कुछ वर्षों से चली आ रही है।

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