रांची : रांची का सदर हॉस्पिटल जल्द ही सुपरस्पेशलिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने और रिम्स पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, पल्मोनरी और डेंटल के विशेषज्ञ डॉक्टर अगले तीन महीनों में अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे। साथ ही, वेंटिलेटर से लैस आईसीयू और सीटी स्कैन की सुविधा भी जल्द शुरू की जाएगी।
रिम्स से मरीजों को शिफ्ट करने की योजना
राज्य सरकार के निर्देशानुसार, जिन मरीजों का रिम्स में इलाज पूरा हो चुका है और जिन्हें सिर्फ नर्सिंग या देखभाल की आवश्यकता है, उन्हें सदर हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा। इससे न केवल रिम्स का बोझ कम होगा, बल्कि सदर अस्पताल एक उन्नत चिकित्सा केंद्र के रूप में उभरेगा।
आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधा
सदर हॉस्पिटल में एक फ्लोर को पूरी तरह से आईसीयू के लिए विकसित किया जा रहा है। अधिकतर बेड वेंटिलेटर से लैस होंगे, जिससे गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने की आवश्यकता नहीं होगी। अस्पताल में हार्ट और न्यूरो विशेषज्ञों की नियुक्ति से मरीजों को रिम्स पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
मार्च से सीटी स्कैन की सुविधा
सीटी स्कैन मशीन के इंस्टालेशन का कार्य जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा। फरवरी में ट्रायल और सर्टिफिकेशन के बाद मार्च से मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। इससे मरीजों को सस्ते दर पर जांच की सुविधा मिलेगी और उन्हें प्राइवेट सेंटर्स की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
रिम्स और मरीजों को राहत
सदर हॉस्पिटल के अधिकारियों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे न केवल रिम्स को राहत मिलेगी, बल्कि सदर अस्पताल भी रांची और आसपास के इलाकों के मरीजों के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित होगा। इस योजना से हजारों मरीजों को सस्ती और बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।
ओपीडी का बढ़ता दबाव
सदर अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 1,000 मरीज पहुंचते हैं। नई सुविधाएं शुरू होने के बाद यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। अस्पताल प्रशासन इसे लेकर पूरी तैयारी कर रहा है।
डिप्टी सुप्रिटेंडेंट का बयान
डॉ. बिमलेश सिंह, डिप्टी सुप्रिटेंडेंट, सदर हॉस्पिटल, ने कहा, “हम अगले 2-3 महीनों में बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। डॉक्टरों की नियुक्ति के बाद अस्पताल सुपरस्पेशलिटी सेंटर बन जाएगा। राज्य भर से मरीज यहां इलाज के लिए आएंगे और रिम्स का दबाव कम होगा।”