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Chhattisgarh Security Forces : छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, 4 नक्सली ढेर, AK-47 और SLR जैसे हथियार बरामद

by Rakesh Pandey
Chhattisgarh Security Forces
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दंतेवाड़ा/नारायणपुर : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ के घने जंगलों में शनिवार देर रात से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। अधिकारियों ने बताया कि 3 जनवरी को नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर और कोंडागांव जिलों की डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की संयुक्त टीमें अबूझमाड़ क्षेत्र में भेजी गई थीं, जहां 4 जनवरी की शाम को मुठभेड़ शुरू हुई। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, सुंदरराज पी. ने बताया कि सुरक्षा बलों के सर्च ऑपरेशन के दौरान अब तक 4 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं। इन नक्सलियों के पास से AK-47 और SLR जैसे उच्च गुणवत्ता वाले ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए गए हैं। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की लगातार सफलता का हिस्सा है। हालांकि, इस मुठभेड़ में दंतेवाड़ा DRG के हेड कांस्टेबल सन्नू कारम शहीद हो गए हैं, जिनकी बहादुरी को पूरी टीम सलाम करती है।

सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी

सुरक्षा बलों द्वारा शुरू किए गए इस बड़े ऑपरेशन में 1000 जवानों ने भाग लिया। दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव और बस्तर जिलों के DRG और STF के जवानों ने शनिवार को नक्सलियों के कोर इलाके को घेर लिया था। यह मुठभेड़ अब भी जारी है और जवानों की टीम मौके पर मौजूद है, जबकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सर्च ऑपरेशन भी लगातार जारी है।

नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में पिछले एक-डेढ़ साल के दौरान सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 300 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, लगभग 1000 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और 837 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह सफलता राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की संयुक्त मेहनत और रणनीतिक कार्रवाई का परिणाम है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 15 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ का दौरा किया था और दावा किया था कि 2026 तक राज्य को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों की बहादुरी और कड़ी मेहनत की सराहना की और उन्हें सम्मानित किया। उनका कहना था कि राज्य में नक्सलवाद पर काबू पाने में पुलिस बल की कड़ी मेहनत और समर्पण महत्वपूर्ण है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में वृद्धि

हाल के वर्षों में, नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की संख्या भी बढ़ी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों का दबाव नक्सलियों पर लगातार बढ़ रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अब मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं और अपने जीवन को बदलने का अवसर पा रहे हैं।

नक्सलवाद से निपटने के लिए रणनीति में बदलाव

सुरक्षा बलों की यह रणनीति धीरे-धीरे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा रही है। अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और उनका सफाया करने के लिए सर्च ऑपरेशन निरंतर जारी है। अबूझमाड़ जैसे दूरदराज के और कठिन इलाकों में सुरक्षा बलों की सक्रियता से नक्सलियों के खिलाफ युद्ध में मजबूती आई है।

नक्सलवाद पर सरकार का दृढ़ संकल्प

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने छत्तीसगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य की सुरक्षा स्थिति पर संतोष जताते हुए कहा था कि नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों से अब छत्तीसगढ़ में सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यवाही और सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों और रणनीतिक कार्रवाई से नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। अबूझमाड़ में चल रही मुठभेड़ ने यह साबित किया है कि राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, इस संघर्ष में कई जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, लेकिन उनका बलिदान राज्य के लिए अहम साबित हो रहा है।

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