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Bhopal News : सौरभ शर्मा के सोने और कैश से लदी कार मामले में बड़ा खुलासा, जांच में तेजी

by Rakesh Pandey
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भोपाल : मध्यप्रदेश के पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ जारी जांच में एक नया मोड़ आया है। सौरभ के मामले में जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में चल रही छापेमारी के दौरान अब एक और बड़ी जानकारी सामने आई है। हाल ही में मेंडोरी के जंगल में 52 किलो सोने और 10 करोड़ रुपये कैश से लदी एक इनोवा कार बरामद हुई थी। अब इनकम टैक्स विभाग की जांच में यह साफ हो गया है कि इस कार को जंगल तक ले जाने और वहां पार्क करने की जिम्मेदारी सौरभ शर्मा के एक रिश्तेदार की थी, जिसे वह ‘जीजा’ कहता था।

जंगल में लाकर छुपाई गई कार, काफिले में पहुंची थी

जंगल में मिली इनोवा कार की बरामदगी के बाद इनकम टैक्स विभाग ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच तेज की। इस फुटेज से पता चला है कि यह कार अकेली नहीं, बल्कि तीन गाड़ियों के काफिले में मेंडोरी के जंगल तक पहुंची थी। कार का रजिस्ट्रेशन चेतन गौड़ के नाम पर था, जिसने पहले ही इस मामले में इनकम टैक्स विभाग को जानकारी दी थी कि कार में मिला सोना और कैश सौरभ का है।

अब जांच में सामने आया है कि सौरभ के रिश्तेदार ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर काफिले के साथ कार को जंगल में पहुंचाया था। दिलचस्प यह है कि जिस प्लॉट पर यह कार मिली, वह भी सौरभ की रिश्ते में मौसी की बेटी के नाम पर रजिस्टर्ड था। इससे यह भी साबित हो गया है कि इस मामले में सौरभ की संलिप्तता थी।

नकली संपत्तियों की जांच में प्रगति

इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच में सौरभ शर्मा, उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों के पास कई बेनामी संपत्तियां सामने आई हैं। इन संपत्तियों की अब आयकर विभाग द्वारा जांच की जा रही है और संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

वसूली के गहरे राज, सौरभ के घर से बरामद डायरी में खुलासा

सौरभ शर्मा के घर से जब्त की गई डायरियों में कई चौकियों से वसूली की जानकारी मिली है। इन डायरियों में मध्यप्रदेश के विभिन्न चेकपोस्टों से रोजाना होने वाली वसूली के बारे में दर्ज है। इस दस्तावेज़ के साथ-साथ कई तकनीकी सबूत भी एजेंसियों को मिले हैं, जिनकी जांच अभी भी जारी है।

इस बीच, शनिवार को सोशल मीडिया पर एक कथित सूची वायरल हो गई थी, जिसमें ‘TM’ और ‘TC’ जैसे शब्दों के साथ चेकपोस्टों के नाम और उनके आगे कुछ राशियां लिखी हुई थीं। इसमें यह भी अनुमान लगाया जा रहा था कि ‘TM’ से मतलब ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर और ‘TC’ से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हो सकता है। हालांकि, जांच एजेंसियों ने फिलहाल इस सूची की पुष्टि नहीं की है। लोकायुक्त ने भी इस सूची के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया है।

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