अयोध्या: राम की नगरी अयोध्या में एक गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां तीन चीनी नागरिकों सहित सात लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए वीजा हासिल करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में वाराणसी के एक वकील की शिकायत पर कार्रवाई की गई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा प्राप्ति का आरोप
मामला तब सामने आया जब वाराणसी के एक अधिवक्ता राजेंद्र झा ने पुलिस को तहरीर दी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि महोबोधी सोसाइटी ऑफ इंडिया ने उन्हें 10 जनवरी को श्रावस्ती जिले के चाइना मंदिर से जुड़े एक मामले में पैरवी करने के लिए भेजा था। वहां पर सोसाइटी के महासचिव और भिक्षु इंचार्ज सारनाथ पी सिवलीथेरो, भंते सुमित्रा नंदन और लखनऊ के इंचार्ज ज्ञानालोक ने उन्हें कुछ जरूरी कागजात मुहैया कराए। इस दौरान उन्हें यह जानकारी मिली कि कुछ विदेशी नागरिक, जिनमें चीनी नागरिक भी शामिल हैं, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा प्राप्त कर रहे हैं और इसके जरिए वे बड़े अपराध को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।
क्या है मामला?
वकील राजेंद्र झा के मुताबिक, जब इस आरोप की जांच शुरू की गई, तो पुलिस को पता चला कि कुछ चीनी नागरिकों ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय में कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर वीजा हासिल किया था। इन चीनी नागरिकों में मैसिंग चियांग, यू मंडल और सरना सहित कई अन्य नाम शामिल थे। इसके अलावा कुछ भारतीय नागरिकों, जिनमें प्रदीप बौद्ध, गोविंद, यू लक्ष्मी राव और लाजपत राव के नाम सामने आए हैं, जो इस वीजा प्राप्ति में शामिल थे।
पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि इन चीनी नागरिकों में से कुछ लोग पहले अयोध्या के कोतवाली नगर क्षेत्र के रिकाबगंज इलाके में रह चुके थे। आरोप है कि इन नागरिकों ने अपने वीजा के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें भारत में प्रवेश मिला।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
अयोध्या नगर कोतवाली में पुलिस ने वाराणसी के वकील की तहरीर पर सात नामजद आरोपियों और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों पर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए वीजा प्राप्त करने और देश में अवैध रूप से प्रवेश करने का आरोप है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश भी की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
इस घटना ने अयोध्या और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा और जांच को लेकर कई सवाल उठाए हैं। स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की पूरी तरह से जांच करेंगे और जो भी दोषी होंगे, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या अन्य लोग भी इस जालसाजी में शामिल थे या नहीं।