प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के अवसर पर भारत की प्रमुख समाजसेवी और इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन, राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति ने मंगलवार को प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण भी किया और महाकुंभ के सफल आयोजन पर राज्य सरकार की सराहना की।
सुधा मूर्ति का पवित्र स्नान और तर्पण
महाकुंभ के दौरान सुधा मूर्ति अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन त्रिवेणी संगम पहुंची। वहां उन्होंने संगम के पवित्र जल में स्नान किया और घाट पर पूजन किया। इसके बाद वह बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर गईं, जहां उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और हनुमान जी को माला तथा तुलसी अर्पित की।
सुधा मूर्ति ने कहा कि वह इस यात्रा के लिए एक मन्नत मांगकर आई हैं और यह यात्रा उनके पूर्वजों के लिए तर्पण करने के उद्देश्य से है। उन्होंने बताया कि सोमवार को उन्होंने स्नान किया था और मंगलवार को फिर से स्नान किया, ताकि वह तीन दिन तक तर्पण कर सकें।
महाकुंभ के आयोजन की सराहना
सुधा मूर्ति ने महाकुंभ के आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि इस विशाल धार्मिक आयोजन के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। खासकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुंभ की व्यवस्थाएं बेहद प्रभावशाली रही हैं। सुधा मूर्ति ने भगवान से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की खुशहाली और मुख्यमंत्री की लंबी उम्र की कामना की।
उन्होंने कहा कि यह सब भगवान और गंगा मइया की कृपा से संभव हुआ है और उन्हें महाकुंभ में स्नान करने का यह अवसर मिला। सुधा मूर्ति ने यह भी बताया कि उनके लिए यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनकी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक भी है।
सुरक्षा व्यवस्था की सराहना और जवानों से संवाद
पूजन के बाद सुधा मूर्ति परेड मैदान स्थित पीएसी लाइन पहुंची, जहां उन्होंने वहां तैनात जवानों से संवाद किया। पीएसी पूर्वी जोन के डीआईजी डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने उनका स्वागत किया। इस दौरान सुधा मूर्ति ने महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जवानों के योगदान की सराहना की।
सुधा मूर्ति ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें जवानों की भूमिका बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने बताया कि जवानों का समर्पण और निष्ठा अद्भुत है, क्योंकि वे दिन-रात काम कर रहे हैं, ताकि देश-विदेश से आए हुए संतों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इस समर्पण के कारण ही महाकुंभ का आयोजन इतनी सफलता के साथ चल रहा है।