जमशेदपुर : एमजीएम मेडिकल कॉलेज का डिमना स्थित 376 करोड़ की लागत से बन रहा नया अस्पताल अब तक जनता के लिए नहीं खुल पाया है। आम जनता को अस्पताल का फायदा कब से मिलना शुरू होगा इसे लेकर अधिकारियों के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। इस मामले से जुडे सभी अधिकारी सिर्फ एक दूसरे पर दोषारोपण में लगे हुए हैं। इसके चलते जनवरी में इस अस्पताल की शिफ्टिंग मुश्किल नजर आती है। माना जा रहा है कि पुराने अस्पताल की इस नए अस्पताल में शिफ्टिंग के काम में तकरीबन महीना भर लगेगा।
कहां से आएगा एक लाख 80 हजार लीटर पानी
नया अस्पताल पानी के पेच में फंस गया है। इस नए अस्पताल में एमजीएम के पुराने अस्पताल को शिफ्ट करने के मामले में तरह-तरह की अडचन आ रही है। अस्पताल को प्रतिदिन तीन लाख लीटर पानी चाहिए। जबकि, यहां महज एक लाख 20 हजार लीटर पानी का इंतजाम किया जा रहा है। इससे एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डाक्टर संतुष्ट नहीं हैं। डाक्टरों का कहना है कि पहले तो कार्यकारी संस्था एलएनटी ने यहां पानी का इंतजाम नहीं किया था। अब बवाल मचने के बाद ठेकेदार महज एक लाख 20 हजार लीटर पानी के लिए ही बोरिंग कर रहा है। बाकी पानी कहां से आएगा इसे लेकर किसी के पास जवाब नहीं है। इस अस्पताल में हार्ट, कैंसर और न्यूरो समेत 12 विभागों को शिफ्ट करने की योजना है।
बोरिंग हो गई पर कनेक्शन का काम बाकी
इस नए अस्पताल में कार्यकारी कंपनी एलएनटी ने छह बोरिंग कर दी है। एलएनटी के अधिकारियों का कहना है कि बोरिंग हो गई है। मोटर बैठा दी गई है। अब इसमें पानी का कनेक्शन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की जिम्मेदारी है। अस्पताल में तीन लाख लीटर क्षमता का संप बनाया गया है। एमजीएम अस्पताल के एक डाक्टर ने बताया कि अस्पताल में बहुत पानी लगता है। एक आपरेशन करने में कम से कम 500 लीटर पानी खर्च हो जाता है। इस वजह से अस्पताल में कम से कम तीन लाख लीटर प्रतिदिन जलापूर्ति की क्षमता होनी चाहिए।
अभी भी चल रहा है अस्पताल का निर्माण कार्य
डिमना स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। अस्पताल में अभी भी काम चल रहा है। इसका मेन गेट बनाया जा रहा है। अंदर भी काफी काम बाकी है। अस्पताल का निर्माण करा रही एलएनटी कंपनी अस्पताल में काम पूरा करने से पहले ही इसे एमजीएम मेडिकल कॉलेज को हैंडओवर करना चाहती है। मगर, एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं है। नए अस्पताल को हैंडओवर लेने के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एक कमेटी गठित कर दी है। यही कमेटी सारा कामकाज देख रही है। कमेटी जब हरी झंडी देगी तभी अस्पताल को हैंडओवर लिया जाएगा।
बिना हैंडओवर लिए ही कर दिया था उद्घाटन
इस अस्पताल को लेकर शुरू से ही लापरवाही बरती जा रही है। इसे आनन-फानन बनाया गया। तेजी से निर्माण कर दिया गया और विधानसभा चुनाव से पहले इसका उद्घाटन करा लिया गया। ताकि, मतदाताओ को उपलब्धि के तौर पर इस अस्पताल को दिखाया जा सका। जबकि, विडंबना है कि पांच अक्टूबर 2024 को हुए उद्घाटन के बाद अब तक यहां ओपीडी शुरू नहीं हो पाई है । इससे जनता में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल का निर्माण अधूरा था तो इसका उद्घाटन करने की क्या जल्द थी।
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