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QUESTION PAPERS THROWN IN KATIHAR : बिहार में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, खुले मैदान में फेंके गए प्रश्न पत्र, जूता-चप्पल पहनकर रौंद रहे गुरुजी

by Rakesh Pandey
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कटिहार : बिहार की शिक्षा प्रणाली एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है, और इस बार कटिहार जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। महेश्वरी एकेडमी स्कूल में आयोजित 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण बेहद अव्यवस्थित तरीके से किया गया। प्रश्न पत्रों का ढेर खुले मैदान में फेंक दिया गया, जहां शिक्षकों ने जूते-चप्पल पहनकर उस पर चढ़कर और उसे रौंदते हुए अपने स्कूलों के प्रश्नपत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं को ढूंढा। यह दृश्य किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति के लिए शर्मनाक हो सकता है, खासकर तब जब शिक्षा की गुणवत्ता और जिम्मेदारी की बात की जाती है।

फेंके गए प्रश्न पत्रों के ढेर पर शिक्षकों की परेशानी

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित की जा रही 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं कटिहार जिले के महेश्वरी एकेडमी स्कूल में भेजी गई थीं। हालांकि, इन्हें रखने और वितरित करने की कोई सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं की गई थी। परीक्षा केंद्रों के प्रिंसिपल और शिक्षक अपने-अपने स्कूल के लिए इन प्रश्न पत्रों और कॉपियों को लेने के लिए महेश्वरी एकेडमी पहुंचे, लेकिन उन्होंने पाया कि ये सभी प्रश्न पत्र खुले मैदान में पड़े हुए थे। शिक्षक अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते हुए जूते-चप्पल पहनकर इन पेपरों के ढेर पर चढ़ने लगे, जिससे यह नजारा बेहद अव्यवस्थित और असंवेदनशील प्रतीत हुआ।

क्यों हुआ यह अव्यवस्था का माहौल?

रविवार को यह घटना तब घटी जब महेश्वरी एकेडमी के प्रांगण में कटिहार जिले के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसिपलों को निर्देश दिया गया कि वे वहां पहुंचकर 9वीं और 11वीं के प्रश्न पत्र प्राप्त करें। हालांकि, चूंकि कोई उचित व्यवस्था नहीं थी, शिक्षकों को इन प्रश्नपत्रों को ढूंढने में कठिनाई हुई। कई शिक्षक इस अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कह रहे थे कि इस तरह से प्रश्नपत्रों का वितरण करना पूरी तरह से अनुचित है। एक शिक्षक पंकज कुमार ने कहा, “यह नजारा पहली बार देखा है, जो पूरी तरह से अव्यवस्थित है। सभी शिक्षक और प्रिंसिपल यहां आए हैं, लेकिन प्रश्नपत्र चुनने में हम सभी को दिक्कत हो रही है।”

“यह कबाड़ नहीं है”, शिक्षकों की प्रतिक्रिया

इस बीच, कुछ शिक्षकों ने इस पूरी घटना के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी। पुलेंद्र आचार्य, एक शिक्षक हैं, उन्होंने कहा कि वे अपने स्कूल के कोड के अनुसार प्रश्न पत्र लेने आए थे, लेकिन अव्यवस्था बेहद शर्मनाक थी। उन्होंने कहा, “यह कोई कबाड़ नहीं है, लेकिन जो भी व्यवस्था की गई है, वह बिल्कुल गलत है। हमें इस तरह से प्रश्न पत्रों का वितरण करना नहीं चाहिए था।”

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता

यह घटना एक बार फिर से बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। राज्य के शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) को इस तरह की अव्यवस्थाओं को रोकने के लिए त्वरित सुधार की आवश्यकता है। यदि परीक्षा में ऐसी अव्यवस्था होगी, तो इसका सीधा असर छात्रों की मानसिकता पर भी पड़ेगा। छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए यह एक खराब उदाहरण पेश करता है, जो राज्य के शिक्षा के क्षेत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

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