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सरकार ने संसद में किया स्पष्ट, कहा-किसी भी राज्य पर थोपी नहीं जाएगी कोई भाषा

by Birendra Ojha
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नई दिल्ली : संसद में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि NEP (National Education Policy) के अंतर्गत स्कूल जाने वाले, बच्चों द्वारा सीखी जाने वाली, तीनों भाषाओं का चयन राज्यों, क्षेत्रों और विद्यार्थियों द्वारा ही किया जाएगा। किसी भी राज्य पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी। तमिलनाडु ने केंद्र सरकार पर हिंदी भाषा थोपे जाने का आरोप लगाया था। इसे अपने राज्य में लागू करने से सख्त मना कर दिया।

किसी भी राज्य पर थोपी नहीं जाएगी कोई भाषा

दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी भाषा को थोपे जाने से संबंधित विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री का एक बड़ा बयान सामने आया है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बुधवार को संसद में त्रि-भाषा फार्मूला का हवाला देते हुए, यह बात कही कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत स्कूल जाने वाले बच्चों द्वारा सीखी जाने वाली तीनों भाषाओं का चयन पूरी तरह से राज्यों, क्षेत्रों और विद्यार्थियों पर निर्भर करेगा। उन पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी।

दक्षिण भारतीय राज्यों में हिंदी बन रहा विवाद का कारण

राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देने के दौरान, शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने तीनों भाषाओं का चुनाव पूरी तरह से राज्यों, क्षेत्रों और विद्यार्थियों द्वारा किए जाने की बात कही। किसी भी राज्य पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी। बशर्ते तीनों भाषाओं में 2 भारत की मूल भाषा होनी चाहिए। त्रि-भाषा फार्मूले में लचीलापन लाने की बात भी मजूमदार ने कही। NEP द्वारा सुझाया त्रि-भाषा फार्मूला, दक्षिण भारतीय राज्यों में विवाद का कारण बन रहा है। तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया है कि वह, हिंदी भाषा को उन पर जबरदस्ती थोप रही है, जबकि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के इन आरोपों का खंडन किया है।

क्या है त्रि-भाषा फार्मूला

त्रि-भाषा फार्मूला के अंतर्गत सभी राज्यों को अपनी शिक्षा नीति में बच्चों को सीखाने के लिए तीन भाषाओं को शामिल करना होगा। जिसमें से एक उनकी अपनी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा होगी। दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी भाषी राज्यों में अन्य आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेज़ी होगी। वही गैर-हिंदी भाषी राज्यों में यह हिंदी या अंग्रेज़ी होगी। तीसरी भाषा के रूप में हिंदी भाषी राज्यों में अंग्रेज़ी या एक आधुनिक भारतीय भाषा को शामिल किया जाएगा। गैर-हिंदी भाषी राज्य में यह अंग्रेज़ी या एक आधुनिक भारतीय भाषा को शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।

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