बेंगलुरु : कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया है। हनी ट्रैप विवाद के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने राज्य सरकार पर प्रमुख राजनेताओं, मंत्रियों और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के फोन टैप करने का आरोप लगाया। बीजेपी नेता का दावा है कि कई सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक भी इसे स्वीकार कर चुके हैं।
राज्य सरकार फोन टैपिंग का सहारा ले रही
बीजेपी नेता आर. अशोक का आरोप है कि राज्य सरकार अपने आंतरिक विरोधियों और विपक्षी पार्टियों को नियंत्रित करने के लिए फोन टैपिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि यह 100 प्रतिशत हो रहा है। सरकार पूरी तरह से फोन टैपिंग में लगी हुई है।
विपक्षियों को नियंत्रित कर रही है सरकार
बीजेपी नेता अशोक ने यह भी कहा कि वे और केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी पहले भी सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने विरोधियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, चाहे वे सत्तारूढ़ पार्टी से हों या विपक्ष से। उनका फोन, साथ ही सभी विपक्षी विधायकों के फोन, टैप किए जा रहे हैं। यह तब से हो रहा है जब से कांग्रेस सत्ता में आई है।
सरकार ने आरोपों को खारिज किया
हालांकि, राज्य में कांग्रेस सरकार ने बीजेपी नेता के आरोपों को पूर्णतः खारिज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी नेता अशोक को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी।
शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी
इस मुद्दे पर राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने और मुख्यमंत्री ने अब तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं की है। अगर कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। अब तक किसी भी पुलिस स्टेशन में ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत दर्ज की जाती है और जांच शुरू होती है, तो सरकार कार्रवाई करेगी। परमेश्वर ने यह भी माना कि खुफिया एजेंसियां निगरानी करती हैं, लेकिन यह जरूरी है कि इसके लिए वैध कारण और सरकार की मंजूरी हो।
हनी-ट्रैप मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है, जिसमें आरोप है कि कई लोगों, जिनमें सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना और न्यायधीश भी शामिल हैं, को कथित रूप से हनी-ट्रैप में फंसाया गया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया, जो याचिकाकर्ता विनय कुमार सिंह द्वारा दायर की गई है।