सहरसा : बिहार में कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार इन दिनों अपनी ‘पलायन रोको-नौकरी दो’ यात्रा पर हैं। यह यात्रा राज्य सरकार के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में सामने आई है, जिसमें वह रोजगार और पलायन के मुद्दे पर नीतीश कुमार की सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान कन्हैया को जनता का समर्थन मिल रहा है, लेकिन हाल ही में उनके खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। मंगलवार को सहरसा जिले में कन्हैया कुमार ने भगवती स्थान में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित किया था। उनके जाने के बाद बुधवार को कुछ स्थानीय युवाओं ने मंदिर के प्रांगण को गंगाजल से धोकर अपना विरोध व्यक्त किया।
मंदिर में कन्हैया कुमार के कार्यक्रम के बाद विरोध
कन्हैया कुमार की यात्रा के दौरान मंगलवार को सहरसा जिले के बनगांव स्थित भगवती स्थान में कन्हैया कुमार ने एक सभा आयोजित की थी। सभा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे और कन्हैया के भाषण को सुना था। हालांकि, कन्हैया के वहां से जाने के बाद बुधवार को कुछ युवाओं ने मंदिर के परिसर को गंगाजल से धोने का काम किया। इस विरोध के पीछे युवाओं का तर्क था कि कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप पहले भी लग चुका है और उनके ऊपर से यह आरोप आज तक हटा नहीं है। इसके अलावा, उनके द्वारा दिए गए विवादित बयानों को लेकर भी स्थानीय लोग नाराज थे।
कन्हैया कुमार के खिलाफ विरोध का कारण
नगर पंचायत बनगांव के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अमित चौधरी के नेतृत्व में कई स्थानीय युवाओं ने मिलकर मंदिर के प्रांगण को धोने का काम किया। उनका कहना था कि कन्हैया कुमार ने देशद्रोह के आरोप में नामजद होने के बाद भी विवादित बयान दिए हैं। इसके साथ ही उनका यह भी आरोप था कि कन्हैया कुमार ने हिंदू धर्म के खिलाफ भी कई बार विवादित टिप्पणी की है। ऐसे में उनके लिए स्थानीय लोग एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं।
अमित चौधरी ने कहा कि कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप है। उसने देश विरोधी और हिंदू धर्म के विरोध में कई विवादित बयान दिए हैं। ऐसे में हमें वह मंजूर नहीं है। इसलिए जहां-जहां वह आया था, उन जगहों को गंगाजल से साफ कर शुद्ध कर रहे हैं। आगे भी उसका विरोध जारी रखेंगे।
कन्हैया कुमार की यात्रा और बिहार में बढ़ता विरोध
कन्हैया कुमार की यह यात्रा 16 मार्च से बिहार के पश्चिम चंपारण के भीतिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई थी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में बेरोजगारी और पलायन की समस्या को उजागर करना है। कन्हैया कुमार, जो कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं, इस यात्रा के प्रमुख नेता हैं। उनके साथ कांग्रेस के अन्य नेता जैसे प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी इस यात्रा में भाग ले रहे हैं।
यह यात्रा न केवल कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है, बल्कि राज्य के कई हिस्सों में बेरोजगारी और पलायन की समस्याओं को लेकर कन्हैया कुमार के नेतृत्व में आवाज उठाई जा रही है। हालांकि, कन्हैया कुमार की यह यात्रा विरोध और समर्थन दोनों का सामना कर रही है। कन्हैया के विरोधियों का आरोप है कि उन्होंने पहले भी देशद्रोह के मामले में नाम लिया है और उनके बयान हमेशा ही विवादित रहे हैं, जो उनकी यात्रा के सफल होने में रुकावट डाल सकते हैं।
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