खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले के डड़गामा गांव में शुक्रवार की रात सरहुल पर्व का आयोजन हो रहा था, जब एक खौ़फनाक घटना घटी। डीजे की धुन पर गांववाले नाच-गाने में व्यस्त थे। इसी दौरान पूर्व मुखिया रीड़ा भेंगराज (75) ने हस्तक्षेप करते हुए गांववासियों से अनुरोध किया कि सरहुल एक आदिवासी समुदाय का पारंपरिक त्योहार है और इसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों जैसे मांदर और नगाड़े के साथ मनाना चाहिए, न कि डीजे की तेज धुन पर।
विवाद ने लिया हिंसात्मक मोड़
रीड़ा भेंगराज का यह सुझाव उनके साले बुधराम पाहन और गांव के ही एतवा मुंडा को नागवार गुजरा। इस पर दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जो जल्द ही हिंसा में बदल गई। बहस के दौरान एतवा और बुधराम ने पूर्व मुखिया को धक्का दे दिया, जिससे वह सड़क पर गिर पड़े। इसके बाद दोनों आरोपितों ने मिलकर रीड़ा भेंगराज की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
आरोपियों की गिरफ्तारी
मृतक के परिजनों ने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपितों एतवा मुंडा और बुधराम पाहन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
यह घटना सरहुल पर्व के दौरान आदिवासी समाज के पारंपरिक और आधुनिक रीति-रिवाजों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करती है। जहां एक ओर पारंपरिक वाद्ययंत्रों को महत्व दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर डीजे जैसे आधुनिक साधनों का उपयोग भी युवा वर्ग में लोकप्रिय हो रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और अब आगे क्या?
घटना के बाद, खूंटी पुलिस ने त्वरित रूप से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। इस हत्या से पूरे गांव में तनाव फैल गया है, और अब प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है।