सरायकेला : झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड का चयन “प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन – 2024 के लिए हुआ है। गम्हरिया प्रखंड ने देश भर में झारखंड का नाम रौशन किया है। गम्हरिया आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम में देश भर में अव्वल आया है। यह पुरस्कार आगामी 21 अप्रैल को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दिया जाएगा। गम्हरिया प्रखंड की तरफ से यह पुरस्कार सरायकेला खरसावां जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला प्राप्त करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।
आगामी 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार लेने सरायकेला खरसावां के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला नई दिल्ली रवाना हो गए हैं। गम्हरिया प्रखंड को यह पुरस्कार मिलने से सरायकेला खरसावां जिले के साथ-साथ पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई है। उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की तरफ से इस कार्यक्रम को धरातल पर उतारने में कड़ी मेहनत की गई है। सरायकेला खरसावां जिला प्रशासन ने गम्हरिया प्रखंड के सभी अधिकारियों की इस उपलब्धि पर प्रशंसा की है और आगे भी विकास योजनाओं को इसी तरह धरातल पर उतारने की बात कही है। ताकि इसका लाभ जनता को मिलता रहे।
जानें कौन हैं IAS रवि शंकर शुक्ला

IAS रवि शंकर शुक्ला झारखंड के 2012 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज से भी पढ़ाई की है। रवि शंकर शुक्ला का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का रहने वाला है। पिता न्यायिक सेवा में रहे हैं। रवि शंकर शुक्ला ने झारखंड के अलग-अलग जिलों में उपायुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। वह लातेहार, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, दुमका के डीसी रहे हैं।
दुमका जिले में लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन के लिए हुए थे सम्मानित

दुमका जिले में लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन के लिए इनके कार्यों के लिए जिले को राष्ट्रपति द्वारा भूमि पुरस्कार प्रदान किया गया। वर्ष 2024 में राज्यपाल ने इन्हें नेशनल वोटर डे पर भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा हजारीबाग के उपायुक्त रहते हुए स्वच्छता के लिए कार्य के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो चुके हैं। रवि शंकर शुक्ला की पत्नी नेहा अरोड़ा भी झारखंड के 2012 बैच की IAS हैं।

क्या है आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम

यह कार्यक्रम नीति आयोग की पहल है, जिसे 7 जनवरी 2023 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश के 500 पिछड़े प्रखंडों में जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। इसके अंतर्गत पांच मुख्य फोकस क्षेत्रों स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, बुनियादी ढांचा, तेज़ गति से सामाजिक-आर्थिक विकास, सुशासन और सेवा वितरण में सुधार लाया जाता है। कार्यक्रम के तहत गम्हरिया प्रखंड में अच्छा काम हुआ है। इस प्रखंड का इस कार्यक्रम के तहत तेजी से विकास हुआ और इसी वजह से इसे देश में अव्वल स्थान मिला है।
झारखंड से चयनित होने वाला एकमात्र प्रखंड

कार्यक्रम के अंतर्गत झारखंड से केवल गम्हरिया प्रखंड का चयन हुआ है। हाल ही में नीति आयोग की दो सदस्य टीम ने जिले में पहुंचकर योजना की जमीनी हकीकत की पड़ताल की थी। इसके बाद इन योजनाओं की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इस पूरे कार्यक्रम की उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग की जा रही थी।
Read also Jamshedpur Breaking: डिमना रोड दरभंगा डेयरी से मानगो चौक तक डेढ़ महीने रहेगी वनवे, 22 से होगा ट्रायल