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रूसी मीडिया का दावा- इजरायली खुफिया एजेंसी ने की ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा के सर्वर की हैकिंग

यदि स्पूतनिक इंडिया की रिपोर्ट में वर्णित आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर राजनैतिक और कूटनीतिक प्रभाव डाल सकता है।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली: इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने भारतीय ओवरसीज कांग्रेस (IOC) के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के प्रमुख राजनीतिक रणनीतिकार सैम पित्रोदा के अमेरिका स्थित घर के सर्वर में कथित रूप से सेंधमारी की है। यह दावा रूसी समाचार पोर्टल स्पूतनिक इंडिया ने अनाम सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में किया है।

क्या है मोसाद की हैकिंग का उद्देश्य
रिपोर्ट के अनुसार, इस गुप्त ऑपरेशन का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच संभावित लिंक की जांच करना था। स्पूतनिक इंडिया के सूत्रों के मुताबिक, मोसाद को राहुल गांधी और हिंडनबर्ग रिसर्च टीम के बीच कथित संबंधों के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस कथित साइबर हमले में पित्रोदा के सर्वर से एन्क्रिप्टेड चैट रूम्स और गोपनीय बैकचैनल कम्युनिकेशन सिस्टम की जानकारी प्राप्त हुई।

आधिकारिक पुष्टि और प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक इस रिपोर्ट की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है। ना ही इज़राइली सरकार या मोसाद ने इस विषय में कोई आधिकारिक बयान जारी किया है। इसी प्रकार, सैम पित्रोदा, राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इस खबर पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हिंडनबर्ग ने अडाणी को लेकर भी प्रकाशित की थी रिपोर्ट
हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप के खिलाफ एक विस्फोटक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें स्टॉक हेरफेर, लेखा धोखाधड़ी और टैक्स हैवन्स में स्थापित शेल कंपनियों के उपयोग का आरोप लगाया गया था।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह ने नकली टर्नओवर दिखाने, फंड डायवर्जन और ‘वॉश ट्रेडिंग’ के माध्यम से स्टॉक की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाने जैसे तरीकों का उपयोग किया।

आरोपों को अडाणी ग्रुप ने किया खारिज
इस रिपोर्ट में अडाणी समूह की उच्च ऋण स्तर और वित्तीय स्थिरता पर भी सवाल उठाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि रिपोर्ट का उद्देश्य उनके कारोबार को नुकसान पहुंचाना है।

क्या हो सकता है आरोपों का प्रभाव
इस पूरे घटनाक्रम ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य और वित्तीय संस्थानों में हलचल पैदा कर दी है। यदि स्पूतनिक इंडिया की रिपोर्ट में वर्णित आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर राजनैतिक और कूटनीतिक प्रभाव डाल सकता है।

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