रांची/जमशेदपुर. झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत संचालित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए पत्र के बाद राज्य के शिक्षा जगत में हड़कंप पहुंच गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजकर एक रिपोर्ट की मांग की गई। पत्र में यह बताने के लिए कहा गया है कि जिले में कुल कितने शिक्षक वर्तमान में डेपुटेशन (प्रतिनियोजन) पर कार्यरत हैं।

संबंधित जानकारी 7 दिनों के अंदर मुख्यालय को उपलब्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि ऐसे शिक्षक जिनका मूल पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ है लेकिन वह लंबे समय से शहरों के विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। संबंधित शिक्षकों के लिए यह खतरे की घंटी हो सकती है। मांगे गए विवरण में शिक्षकों के नाम के साथ मूल विद्यालय का नाम, वर्तमान में पदस्थापित विद्यालय का नाम और श्रेणी, प्रतिनियोजन की अवधि, प्रतिनियोजन करने वाले अधिकारी का नाम तथा पत्रांक संख्या का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। संबंधित पत्र के आलोक में अधिकांश जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की तरफ से सभी विद्यालयों को पत्र भेजकर इसका विवरण यथाशीघ्र विभाग को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं माध्यमिक शिक्षा निदेशक
माध्यमिक शिक्षा निदेशक का पदभार संभालने के बाद आइएएस राजेश प्रसाद राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके तहत शिक्षकों के वेतन भुगतान से लेकर अल्पसंख्यक विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया के संचालक सहित सभी अहम गतिविधियों पर उनकी पैनी नजर है। माना जा रहा है कि स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले विभाग की ओर से समुचित जानकारी जुटाई जा रही है।