नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक साल से फरार आयकर विभाग के कर्मचारी दीपक कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है। कश्यप, जो कि डकैती और एक्सटॉर्शन के मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना जाता था, को अब पुलिस ने सब्जी मंडी से धर दबोचा है। पुलिस के मुताबिक, दीपक कश्यप ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर एक जघन्य साजिश रची थी, जिससे उसने व्यापारियों से पैसे ऐंठने और डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया था।
एक्सटॉर्शन और डकैती की साजिश का मास्टरमाइंड
दीपक कश्यप ने अपनी सरकारी भूमिका का दुरुपयोग करते हुए 1 अगस्त 2023 को जनकपुरी में एक व्यवसायी के घर आयकर अधिकारी बनकर घुसने की साजिश रची थी। इस घटना में कश्यप के साथ सात अन्य लोग भी शामिल थे, जिनमें एक महिला भी थी। इन लोगों ने व्यवसायी की पत्नी को बंधक बना लिया, उनका फोन छीन लिया और एक झूठा आरोप लगाकर हापुड़ में जमीन के सौदे से आय छिपाने की धमकी दी। इन सबका उद्देश्य व्यवसायी से मोटी रकम निकालना था।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान की। फुटेज में एक टीयूवी 300 कार और सात लोगों की मौजूदगी दिखाई दी, जिनमें कश्यप का चेहरा भी था। जांच में यह सामने आया कि कश्यप, जो कि आयकर विभाग में पर्सनल सेक्रेटरी था, ने इस साजिश की योजना बनाई थी। अगस्त 2023 में कश्यप को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया था। एक साल बाद, क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी डेटा, वित्तीय लेनदेन, और सोशल मीडिया निगरानी की मदद से 26 अप्रैल 2025 को कश्यप को गिरफ्तार कर लिया।
फरारी के दौरान कई ठिकाने बदलता रहा कश्यप
कश्यप ने अपनी फरारी के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कई ठिकाने बदले थे और फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया था ताकि पुलिस उसकी गिरफ्तारी से बच सके। बावजूद इसके, पुलिस ने उसे पकड़ने में सफलता पाई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कश्यप की गिरफ्तारी के बाद उसके नेटवर्क की गहन जांच शुरू कर दी गई है, क्योंकि बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन के संकेत मिले हैं।
आरोपी का प्रोफाइल और आयकर विभाग में उसकी भूमिका
दीपक कश्यप मंडावली फजलपुर का निवासी है और 2012 में आयकर विभाग में स्टेनोग्राफर ग्रेड-II के रूप में काम पर रखा गया था। 2018 में उसे ग्रेड-I का पद मिला और बाद में वह पर्सनल सेक्रेटरी बना। कश्यप ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर अपनी पहचान को अवैध तरीकों से संपत्ति बनाने के लिए इस्तेमाल किया। पुलिस अब उसकी गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन की गहनता से जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि उसने और किन अपराधों को अंजाम दिया है।
पुलिस कश्यप के नेटवर्क का पता लगाने और उसकी अन्य आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के लिए लगातार कार्यरत है। वहीं, यह घटना आयकर विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाती है, जिन्होंने इस आरोपी को अपने विभाग में काम करने की अनुमति दी।