रांची: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और गोलीबारी के बीच झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने शुक्रवार को यह साफ कर दिया कि झारखंड का स्वास्थ्य विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्य के सभी सिविल सर्जनों और डॉक्टरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इतना ही नहीं हर जिले के अस्पतालों को तैयार रहने का सख्त निर्देश जारी किया गया है। आर्मी कैंप क्षेत्र में विशेष तैयारी की गई है और वहां के अस्पतालों को अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में कोई बाधा न आए। साथ ही, राज्य के सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। सभी डॉक्टरों को अपने कार्यस्थल पर उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है।
जरूरत पड़ी तो बॉर्डर पर जाएंगे डॉक्टर
उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो झारखंड के डॉक्टर बॉर्डर इलाके में जाकर फ्रंटलाइन पर सेवाएं देने को तैयार हैं। मैं खुद उन डॉक्टरों का नेतृत्व करूंगा और उन्हें इमरजेंसी क्षेत्र में लेकर जाऊंगा। हम किसी भी परिस्थिति से पीछे नहीं हटेंगे। यह सिर्फ मेडिकल सपोर्ट नहीं, बल्कि एक संदेश है कि झारखंड हर मोर्चे पर देश के साथ खड़ा है।
पहले एक डॉक्टर, बाद में मंत्री: इरफान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं पहले एक डॉक्टर हूं, बाद में मंत्री। एक डॉक्टर के नाते मेरा पहला फर्ज है लोगों की जान बचाना। इसलिए मैंने यह फैसला लिया है कि अगर हालात गंभीर हुए, तो मैं खुद बॉर्डर पर जाऊंगा और अपने फर्ज को निभाऊंगा। इसके अलावा पहली बार राज्य सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को भी चौबीसों घंटे सेवा में तैनात रहने का निर्देश दिया है ताकि कहीं भी कोई मेडिकल नेग्लिजेंसी न पैदा हो।