गोवा : एक ओर बहुसंख्यक हिंदुओं को धर्म के आधार पर कोई भी सुविधा नहीं मिलती, इसके विपरीत अल्पसंख्यक होने से अन्य धर्मावलंबियों को ‘अल्पसंख्यक आयोग’ से 3 हजार 200 करोड़़ रुपये से अधिक राशि की सुविधा मिलती है। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यकों के एक वैद्यकीय शिक्षण संस्थान में प्रवेश पाने के लिए हिंदू धर्मांतरण कर प्रवेश ले रहे हैं, इतनी गंभीर स्थिति है। ‘वक्फ बोर्ड़’ में केवल 2 अहिंदू सदस्य लिए, तब तुरंत न्यायालय ने निर्णय दिया कि ‘सरकार ऐसा नहीं कर सकती’।
एक भी प्रार्थनास्थल, श्रद्धास्थान सरकार के नियंत्रण में नहीं है, परंतु प्रत्येक राज्य के विविध कानूनों द्वारा हिंदुओं के मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं। काशी-मथुरा के मंदिरों की मुक्ति की कानूनी लड़ाई हम लड़ रहे हैं। परंतु यह पर्याप्त नहीं है, देश के प्रत्येक मंदिर को मुक्त करने की लड़ाई में हिंदुओं का सहभाग अत्यावश्यक है, ऐसा आवाहन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया।
वे सनातन संस्था द्वारा आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ में मंगलवार को बोल रहे थे। इस अवसर पर ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंड़ेशन’ के उदय माहुरकर, चंड़ीगढ़ के लेखक और विचारक नीरज अत्री, तथा हिंदू जनजागृति समिति के रमेश शिंदे और सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक उपस्थित थे। इस अवसर पर मान्यवरों के हाथों ‘हिंदू राष्ट्र का हवे?’ इस मराठी भाषा की ‘ई’ पुस्तक का प्रकाशन किया गया।
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा कि, वर्तमान में सोशल मीड़िया, ‘ओटीटी’, चित्रपट इनके माध्यम से बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक आक्रमण हो रहा है।
पोर्नोग्राफी के कारण बलात्कार की संख्या बढ़़ रही है। यह राक्षस मोबाइल के माध्यम से अब घर-घर पहुंच गया है। सनातन संस्कृति, अगली पीढ़ी को बचाने के लिए यह सांस्कृतिक आक्रमण रोकना आवश्यक है। तो चंड़ीगढ़ के लेखक और विचारक नीरज अत्री ने कहा कि, वर्तमान में समाज में पश्चिमी देशों का अंधानुकरण करने में अनेक लोग धन्यता मान रहे हैं। सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए हिंदुओं के सिर पर बैठा पश्चिमी देशों के अंधानुकरण का भूत उतारना आवश्यक है।
इस समय हिंदू जनजागृति समिति के रमेश शिंदे ने कहा कि, बांग्लादेश में सरकार विरोधी आंदोलनों में हिंदुओं को ही मारा गया।
कश्मीर, केरल और बंगाल से हिंदू ही समाप्त होते जा रहे हैं। हाल ही में पहलगाम में भी धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्याएं की गईं। प्रत्येक स्थान पर हिंदुओं को ही लक्ष्य किया जा रहा है। इसलिए अब केवल जागृति करते रहने की अपेक्षा उस पर उपाययोजना करना आवश्यक है। समर्थ रामदास स्वामी के समान आज अपने संत जागृति कर रहे हैं, इसलिए हमें भी इस सनातन राष्ट्र शंखनाद के माध्यम से सनातन राष्ट्र की स्थापना के लिए लड़ने के लिए सिद्ध होना होगा।