Jamshedpur (Jharkhand) : पूर्वी सिंहभूम जिले में जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की समस्या से लोग बुरी तरह परेशान हैं। जमशेदपुर में भी स्कूल व कॉलेज में दाखिले से लेकर सरकारी योजनाओं और नौकरी तक हर जगह जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र की अनिवार्यता है, लेकिन पिछले कई महीनों से यह दस्तावेज बन नहीं पा रहे हैं। इसकी वजह से सैकड़ों परिवारों के जरूरी कार्य अटक गए हैं।
राष्ट्रीय बाउरी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बाउरी समाज के लोगों और अन्य अभिभावकों ने रविवार को जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू से उनके आवास पर मुलाकात की। लोगों ने कहा कि वे तीन पीढ़ियों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं और यहां के मूलवासी हैं, फिर भी उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। पहले यह प्रमाण पत्र स्थानीय मुखिया के हस्ताक्षर से आसानी से बन जाता था, लेकिन अब उस प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। नई प्रक्रिया के तहत जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए खतियान मांगा जा रहा है। लोगों ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से उन्हें कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना है कि वह सरकार से कोई विशेष सुविधा नहीं मांगते मगर, कम से कम वह सुविधाएं जरूर दी जाएं जो बेहद जरूरी हैं।
विधायक पूर्णिमा साहू ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को सरकारी योजनाओं, शैक्षणिक संस्थानों और रोजगार के अवसरों से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में यह प्रक्रिया काफी सरल थी, लेकिन अब हालात बहुत ही खराब हो गए हैं।
विधायक ने बताया कि इस विषय को वे पहले भी विधानसभा सत्र में उठा चुकी हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे एक बार फिर यह मुद्दा विधानसभा में उठाएंगी और सोमवार को इसके लिए एक पत्र जारी करेंगी ताकि जल्द से जल्द समाधान निकल सके।